क्या केंद्र सरकार विश्व हिन्दू परिषद जैसे उग्र हिन्दुत्ववादी संगठनों के दबाव में आकर बीफ़ निर्यात के क्षेत्र में मुसलमानों को निशाने पर ले रही है? क्या निर्यात किए जाने वाले बीफ़ पैकेट पर 'हलाल' नहीं लिखे जाने के फ़ैसले के पीछे यह सोच है कि इससे मुसलमान निर्यातकों को मिलने वाला फ़ायदा नहीं मिलेगा? इसके साथ ही यह सवाल भी है कि क्या इससे बीफ़ निर्यात मे भारतीय कंपनियों को नुक़सान होगा?
फिर निशाने पर मुसलमान, बीफ़ के पैकेट पर हलाल नहीं लिखने का फ़ैसला
- अर्थतंत्र
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- 5 Jan, 2021
क्या केंद्र सरकार विश्व हिन्दू परिषद जैसे उग्र हिन्दुत्ववादी संगठनों के दबाव में आकर बीफ़ निर्यात के क्षेत्र में मुसलमानों को निशाने पर ले रही है? क्या निर्यात किए जाने वाले बीफ़ पैकेट पर 'हलाल' नहीं लिखे जाने से मुसलमान निर्यातकों को मिलने वाला फ़ायदा नहीं मिलेगा?

मामला क्या है?
सरकारी एजेन्सी एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फ़ूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एपीईडीए यानी एपेडा) ने सोमवार को एक अहम फ़ैसले में कहा है कि 'रेड मीट' के पैकेट पर अब 'हलाल' शब्द नहीं लिखा जाएगा। इसके साथ ही इसके निर्यात मैनुअल में भी 'हलाल' शब्द निकाल दिया जाएगा।