रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अप्रैल-सितंबर की छमाही में कल-पुर्जे बनाने वाले उद्योग के कामकाज में 10.1 प्रतिशत की गिरावट आ गई है। इस दौरान कारोबार 1.99 लाख करोड़ रुपये से गिर कर 1.79 लाख करोड़ रुपये तक आ गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि पूरे ऑटो सेक्टर के कामकाज में लगभग 15-20 प्रतिशत की गिरावट हुई है और इसका असर कल-पुर्जा उद्योग पर भी पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि ऑटो उद्योग में 10 प्रतिशत की वृद्धि होती तो लगभग 6 अरब डॉलर का राजस्व बढ़ता और इससे कम से कम 2 अरब डॉलर का निवेश होता।