केंद्र सरकार के बही-खातों पर सीएजी ने गंभीर सवाल उठाए हैं। इसने कर्ज की राशि को बही-खातों में दिखाने में हेरफेर किए जाने से लेकर, रुपये प्राप्ति और ख़र्च में अंतर, नियमों की अनदेखी कर पब्लिक फंड का पैसा चालू खाते में रखने तक की रिपोर्ट दी है। इसने कहा है कि जिस मक़सद से लेवी और उपकर लगाकर जनता से पैसे उगाहे गए उसके लिए उस पैसे का इस्तेमाल नहीं किया गया। रिपोर्ट में यहाँ तक कहा गया है कि कैसे नरेंद्र मोदी सरकार और उसके लेखाकारों ने सार्वजनिक धन के गुप्त भंडार के रूप में जगहें बना ली हैं।