खोजी पत्रकारिता करने वाली वेबसाइट कोबरापोस्ट ने एक बड़ी पड़ताल में खुलासा किया है कि अनिल अंबानी और उनके परिवार द्वारा चलाए जा रहे रिलायंस अनिल धीरुभाई अंबानी ग्रुप यानी एडीए समूह ने 41 हज़ार 921 करोड़ रुपये से ज़्यादा का कथित तौर पर फ्रॉड किया है। इसमें दो तरह के कथित फ्रॉड शामिल हैं। कोबरापोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार 2006 से अब तक 28,874 करोड़ रुपये से ज्यादा का कथित बैंकिंग फ्रॉड किया है। यह कथित फ्रॉड ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों से पैसे निकालने का है। पैसे का स्रोत बैंक लोन, आईपीओ से मिला पैसा और बॉन्ड से जुटाया गया धन था। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके अलावा, विदेश से जुटाए गए क़रीब 1535 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी लगभग 13,047 करोड़ रुपये को गलत तरीक़े से भारत लाया गया। इसमें 750 मिलियन डॉलर एक रहस्यमयी कंपनी नेक्सजेन कैपिटल से सिंगापुर की कंपनी EMITS को दिए गए, जो रिलायंस ग्रुप की मुख्य होल्डिंग कंपनी रिलायंस इनोवेंचर्स के साथ एक अस्थायी समझौते में थी। कोबरापोस्ट ने लिखा है कि यह पूरा पैसा भारत लाकर गायब कर दिया गया और जिन कंपनियों से यह पैसा होकर गुजरा, उन्हें भी खत्म कर दिया गया। रिपोर्ट में संकेत दिया गया है कि यह काम मनी लॉन्ड्रिंग जैसा लगता है। इसी तरह, 785 मिलियन डॉलर विदेशी कमर्शियल बॉरोइंग से जुटाकर एडीए समूह की कंपनियों में डाला गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल मिलाकर फ्रॉड की रकम 41 हज़ार 921 करोड़ रुपये से ज्यादा है।
कोबरापोस्ट- अनिल अंबानी की कंपनी में 41000 करोड़ का 'फ्रॉड'; रिलायंस समूह ने दी सफाई
- अर्थतंत्र
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- 30 Oct, 2025

कोबरापोस्ट की रिपोर्ट में अनिल अंबानी की कंपनी पर 41000 करोड़ रुपये के वित्तीय घोटाले का आरोप लगाया गया है। रिलायंस समूह ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है।

अनिल अंबानी समूह ने कोबरापोस्ट की इस रिपोर्ट को सिरे से खारिज किया है और क़ानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। एडीए समूह ने कहा है कि इससे जुड़े मामले अदालतों में चल रहे हैं और ऐसे मामलों पर कोई भी नई टिप्पणी अदालत की अवमानना होगी, क्योंकि कई मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं। इसने यह भी आरोप लगाया है कि कोबरापोस्ट ने कंपनी से जुड़े लोगों से पहले संपर्क कर मामला सुलझाने के लिए उगाही की पेशकश की थी।

























