सरकार चाहे जो कहे, सच यह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी में चल रही है। अब तो अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) ने भी कह दिया। आईएमएफ़ ने अपने हालिया बयान में कहा है कि भारत का विकास अनुमान से भी काफ़ी कमज़ोर है। इसकी वजह पर्यावरण और कॉरपोरेट मामलों से जुड़ी अनिश्चितता है। इसके अलावा ग़ैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की कमज़ोरी का भी असर पड़ा है।