loader

40 साल की न्यूनतम विकास दर दर्ज, शून्य से 7.3% नीचे

भारतीय अर्थव्यवस्था वित्तीय वर्ष 2020-2021 में शून्य से 7.3 प्रतिशत नीचे चली गई, यानी इसकी विकास दर -7.3 दर्ज की गई है। यह पिछले 40 साल की न्यूनतम आर्थिक विकास दर है।

यह आर्थिक विकास दर ठीक ऐसे समय दर्ज की गई है जब नरेंद्र मोदी सरकार के सात साल पूरे हो गए, वह इस मौके पर बढ़-चढ़ कर दावे कर रही है जबकि विपक्ष उस पर अर्थव्यवस्था चौपट कर देने का आरोप लगा रहा है। 

नेशनल स्टैटैस्टिकल ऑफ़िस (एनएसओ) ने सोमवार को यह आँकड़ा जारी किया है। उसने यह भी कहा है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 की अंतिम तिमाही यानी जनवरी 2021 से मार्च 2021 के बीच विकास दर शून्य से छोड़ा ऊपर यानी 1.6 प्रतिशत पर रहा। 
यह विकास दर खुश होने की नहीं चिंतित होने की बात है क्योंकि इस दौरान लॉकडाउन पूरी तरह हट चुका था और कामकाज सामान्य हो गया था। इसके बावजूद यह विकास दर यह संकेत देती है कि भारतीय अर्थव्यवस्था चौपट हो चुकी है।

वित्तीय वर्ष 2019-20

याद दिला दें कि इसके पहले साल यानी वित्तीय वर्ष 2019-20 में 4 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी जो 11 वर्ष में सबके कम विकास दर थी। अर्थव्‍यवस्‍था के लिहाज  यह खराब प्रदर्शन उत्पादन और निर्माण क्षेत्रों के सिकुड़ने की वजह से हुआ था। वित्तीय वर्ष 2020-21 की पहले तिमाही यानी अप्रैल 2020 से जून 2020 के दौरान विकास दर झटका खाते हुए -24.38 रही थी।  

बता दें कि इस साल वित्तीय घाटा 78 हज़ार करोड़ रुपये का रहा है, जो पिछले साल के 2.9 लाख करोड़ रुपये के मुक़ाबले काफी कम है। अप्रैल में आठ कोर इंडस्ट्री यानी आठ मूलभूत उद्योगों की वृद्धि दर की बात करें तो यह 56.1 फीसदी रही है।

indian economy registers minimum economic growth rate in 40 years - Satya Hindi

बता दें कि अक्टूबर 2020 में ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ़ ने अपने अनुमान में कहा था कि भारत की अर्थव्यवस्था और ज़्यादा सिकुड़ेगी। इसका अनुमान है कि मार्च 2021 में ख़त्म होने वाले इस वित्त वर्ष में जीडीपी 10.3 फ़ीसदी सिकुड़ जाएगी।

इसने पहले जून में 4.5 फ़ीसदी तक सिकुड़ने का अनुमान लगाया था। दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के अनुमानों में इस तरह की गिरावट कभी नहीं रही जहाँ 5.8 पर्सेंटेज प्वाइंट कम करना पड़ा हो। जबकि चीन के बारे में स्थिति अलग है।

आईएमएफ़ का अनुमान था कि उसकी जीडीपी विकास दर सकारात्मक रहेगी। इसने चीन के लिए जून में जहाँ जीडीपी विकास दर 1 फ़ीसदी रहने का अनुमान लगाया था वहीं अब इसने बढ़ाकर इसे 1.9 फ़ीसदी कर दिया था। 

फरवरी के बाद पहली बार जीएसटी राजस्व उगाही एक लाख करोड़ रुपए की सीमा को पार कर गई है, इस महीने में 1.05 लाख करोड़ की उगाही दिखाती है कि खरीद-बिक्री शुरू हो चुकी है। जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स वह कर है जो आप सामान खरीदने या किसी तरह की सेवा लेने पर चुकाते हैं।
indian economy registers minimum economic growth rate in 40 years - Satya Hindi
इस जीएसटी में केंद्रीय जीएसटी 19,193 करोड़ रुपए, राज्य जीएसटी 25,411 करोड़ रुपए और इंटीग्रेटे़ड जीएसटी 52,540 करोड़ रुपए मिले हैं। इसके पहले सितंबर महीने में 95,480 करोड़ रुपए की जीएसटी वसूली हुई थी।

खुदरा महंगाई दर बढ़ी

बता दें कि फरवरी के अंत में खुदरा महंगाई दर पाँच प्रतिशत पर पहुँच गई थी, जो तीन महीने का उच्चतम था। इसी समय थोक मूल्य सूचकांक 4.2 पर पहुँच गया तो 27 महीने का उच्चतम स्तर था।

खाने-पीने की चीजें, ईंधन व उत्पादित वस्तुओं की कीमतें बढ़ने से महंगाई में यह वृद्धि देखी गई थी। 

फरवरी में मछली-मांस की कीमत में 11.3 प्रतिशत, अंडे में 11 प्रतिशत, तेल में 20.8 प्रतिशत, दाल में 12.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

अर्थतंत्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें