मध्य पूर्व में भड़कते तनाव ने तेल बाज़ार को हिलाकर रख दिया है! गोल्डमैन सैक्स ने चेतावनी दी है कि होर्मुज जलडमरूमध्य में रुकावट होने पर ब्रेंट क्रूड की क़ीमतें 100 डॉलर के पार जा सकती हैं। होर्मुज जलडमरूमध्य के बंद होने की आशंका ने ही तेल की क़ीमतों को पाँच महीने के उच्चतम स्तर पर पहुँचा दिया है। तो क्या अमेरिका-इसराइल-ईरान तनाव वैश्विक अर्थव्यवस्था को संकट में डालेगा?

वैश्विक निवेश बैंक गोल्डमैन सैक्स ने मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच एक नोट में ख़तरनाक स्थिति का यह अनुमान लगाया है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार यदि इस अहम जलमार्ग से तेल प्रवाह एक महीने के लिए आधा हो जाता है और अगले 11 महीनों तक 10% कम रहता है तो ब्रेंट क्रूड की क़ीमतें 110 डॉलर प्रति बैरल तक पहुँच सकती हैं। इसके बाद क़ीमतें औसतन 95 डॉलर प्रति बैरल रह सकती हैं। यह चेतावनी ऐसे समय में आई है, जब इसराइल और ईरान के बीच तनाव चरम पर है और अमेरिका के संभावित हस्तक्षेप की आशंकाएँ बढ़ रही हैं।
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होर्मुज जलडमरूमध्य इतना अहम क्यों?

होर्मुज जलडमरूमध्य फारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी से जोड़ता है। यह वैश्विक तेल व्यापार का एक अहम गलियारा है। 2024 में इस जलमार्ग से हर रोज़ क़रीब 20 मिलियन बैरल कच्चा तेल, यानी वैश्विक खपत का 20%, गुजरा। गोल्डमैन सैक्स के विश्लेषकों का कहना है कि इस जलमार्ग में किसी भी तरह की रुकावट वैश्विक तेल सप्लाई पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है, जिससे तेल की क़ीमतों में तेज उछाल आ सकता है।

गोल्डमैन सैक्स की यह चेतावनी इसराइल द्वारा 13 जून को ईरान पर हमले के बाद बढ़े तनाव के बीच आई है। इसराइल ने पहली बार 13 जून को ईरान की परमाणु फ़ैसिलिटीज फ़ोर्दू, नतान्ज़ और इसफहान पर हवाई हमले किए। इसके जवाब में ईरान ने भी इसराइल पर बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोनों से हमले किए। इसी बीच, अमेरिका ने ईरान के फ़ोर्दू परमाणु फ़ैसिलिटी पर हमला किया। इसी के बाद ईरान ने होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की धमकी दी है। ईरान की प्रेस टीवी के अनुसार, ईरान की संसद ने इस क़दम का समर्थन कर दिया है और अब सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल को इस जलमार्ग को बंद करने का अंतिम निर्णय लेना है।
गोल्डमैन सैक्स ने बाज़ारों की भविष्यवाणी करने वाले प्लेटफ़ॉर्म पॉलीमार्केट के डेटा का हवाला देते हुए कहा कि 2025 में ईरान द्वारा होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की 52% संभावना है। इसी प्लेटफ़ॉर्म ने यह भी अनुमान लगाया है कि अमेरिका द्वारा आधिकारिक तौर पर युद्ध की घोषणा करने की संभावना सिर्फ़ दो फ़ीसदी है। इस बीच, रिपोर्ट है कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने रविवार को चीन से आग्रह किया कि वह ईरान को इस जलमार्ग को बंद करने से रोके, क्योंकि यह वैश्विक तेल सप्लाई के लिए अहम है।

ईरानी तेल सप्लाई पर असर

गोल्डमैन सैक्स ने यह भी अनुमान लगाया कि यदि ईरान की तेल सप्लाई में 1.75 मिलियन बैरल प्रति दिन की कमी छह महीने तक रहती है और फिर धीरे-धीरे ठीक होती है, तो ब्रेंट क्रूड की क़ीमतें 90 डॉलर प्रति बैरल तक पहुँच सकती हैं। यदि यह कमी स्थायी रूप से बनी रहती है तो क़ीमतें 2026 में 70-80 डॉलर प्रति बैरल के बीच स्थिर हो सकती हैं, क्योंकि वैश्विक तेल भंडार और अतिरिक्त उत्पादन क्षमता कम हो जाएगी। हालाँकि, गोल्डमैन की धारणा यह भी है कि आपूर्ति, क्षेत्रीय तेल व गैस उत्पादन और शिपिंग में बाधा नहीं आती है तो ब्रेंट क्रूड इस साल के अंत तक 60 डॉलर प्रति बैरल तक गिर सकता है।

ईरान ओपेक का तीसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है। यह प्रतिदिन लगभग 3.3 मिलियन बैरल तेल का उत्पादन करता है। यदि इसकी तेल निर्यात फ़ैसिलिटी पर हमला होता है तो सप्लाई में भारी कमी आ सकती है, जिससे क़ीमतें और बढ़ सकती हैं।

वैश्विक अर्थव्यवस्था पर संभावित असर

तेल की क़ीमतों में इस तरह का उछाल वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डाल सकता है। गोल्डमैन सैक्स के विश्लेषकों का कहना है कि होर्मुज जलडमरूमध्य में रुकावट से परिवहन लागत बढ़ेगी, महंगाई बढ़ेगी और वैश्विक आर्थिक विकास धीमा पड़ सकता है। अमेरिका में पेट्रोल की क़ीमतें प्रति गैलन 20-30 सेंट तक बढ़ सकती हैं, जबकि यूरोप में ऊर्जा बिलों में बढ़ोतरी हो सकती है। 

एयरलाइंस और ट्रैवल कंपनियों के शेयरों में पहले ही गिरावट देखी गई है। इसमें यूनाइटेड एयरलाइंस, डेल्टा एयरलाइंस और अमेरिकन एयरलाइंस के शेयर 4-5% तक गिर गए हैं। इसके विपरीत तेल से जुड़े शेयरों में उछाल देखा गया है, क्योंकि निवेशक इस संकट का फ़ायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं।
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क्या तेल की क़ीमतें नियंत्रित हो पाएँगी?

हालाँकि, कुछ जानकारों ने कहा है कि बाज़ार होर्मुज जलडमरूमध्य में रुकावट के ख़तरे को कम आँक रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार रैपिडन एनर्जी के संस्थापक बॉब मैकनली ने कहा है कि ईरान इस जलमार्ग को बाज़ार की सोच से कहीं अधिक समय तक बाधित कर सकता है। जेपी मॉर्गन के विश्लेषकों ने होर्मुज के बंद होने की स्थिति में तेल की क़ीमतों को 120-130 डॉलर प्रति बैरल तक पहुँचने का अनुमान लगाया है।

आर्थिक जानकारों का मानना है कि यदि संघर्ष बढ़ता है तो सऊदी अरब जैसे ओपेक+ देश उत्पादन बढ़ाकर क़ीमतों को नियंत्रित करने की कोशिश कर सकते हैं। लेकिन यदि होर्मुज जलडमरूमध्य में लंबे समय तक रुकावट होती है तो ओपेक+ की अतिरिक्त उत्पादन क्षमता बनाए रखना मुश्किल हो सकता है।

गोल्डमैन सैक्स की चेतावनी ने वैश्विक तेल बाज़ारों में हलचल मचा दी है, क्योंकि होर्मुज जलडमरूमध्य में किसी भी रुकावट का असर न केवल तेल की क़ीमतों, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी पड़ सकता है। ब्रेंट क्रूड की क़ीमतें पहले ही 18% बढ़कर 79.04 डॉलर प्रति बैरल को छू चुकी हैं और यदि स्थिति और बिगड़ती है तो क़ीमतें 100 डॉलर से ऊपर जा सकती हैं।