सरकार ने अप्रैल 2014 के बाद से अब तक 5,55,603 करोड़ रुपये के क़र्ज़ माफ़ कर दिए गए। यानी, बीते दस साल में हुई क़र्ज़माफ़ी का तक़रीबन 80 प्रतिशत क़र्ज़ हिस्सा मोदी सरकार ने किया। कॉरपोरेट जगत को यह फ़ायदा तब पहुँचाया गया, जब ग़रीबों को पहले से मिल रही सब्सिडी में ज़बरदस्त कटौती की गई।
ये पैसे किसके माफ़ किए गए हैं, किन उद्योगपतियों को सबसे ज़्यादा फ़ायदा मिला है, यह साफ़ नहीं है। बैंकों के खातों में इसका पूरा ब्योरा होगा और थोड़ी सी पड़ताल से यह मालूम पड़ जाएगा कि किसने पैसे नहीं दिए। पर अब तक इस पर स्थिति साफ़ नहीं है।
यह महज़ संयोग नही है कि ये तीनों लोग नरेंद्र मोदी के ही शासनकाल में भागे हैं। इनमें से चोक्सी और नीरव तो मोदी के नज़दीक समझे जाते थे। नरेंद्र मोदी ने मेहुल चोक्सी की सार्वजनिक तारीफ़ कई बार की थी। नीरव मोदी वर्ल्ड इकोनॉमिक फ़ोरम की बैठक में भाग लेने डावोस गए भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे। इस प्रतिनिधिमंडल की अगुआई ख़ुद प्रधानमंत्री मोदी कर रहे थे।