भरी है दिल में जो हसरत कहूं तो किस से कहूं।

2024 के लोकसभा चुनाव के पहले आने वाला 2023 का यह बजट इस मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा। तो इस बजट में आख़िर निर्मला सीतारमण क्या घोषणा करेंगी? क्या करों में कुछ राहत की उम्मीद है?
सुने है कौन मुसीबत कहूं तो किस से कहूं।।
आखिरी मुगल बादशाह बहादुरशाह जफर का यह शेर मानो इस बार बजट के पहले का हाल ही बयान कर रहा है। पहली लाइन में वो हसरतें जिनके पूरे होने की उम्मीद लोग वित्तमंत्री से कर रहे हैं और दूसरी लाइन जैसे वित्तमंत्री के मन की व्यथा। पिछला बजट तो कोरोना की छाया में आया था, मगर उम्मीद थी कि 2023 के बजट पर यह छाया नहीं होगी। तब किसे ख़बर थी कि रूस यूक्रेन पर हमला करेगा और पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था एक नए कुचक्र में फंसी मिलेगी। कनेक्टेड वर्ल्ड के फायदे गिनाते वक़्त जानकार भूल जाते हैं कि जैसे-जैसे दुनिया एक बड़े ग्लोबल विलेज में बदलती है, कोई एक छोटी चिनगारी भी दूर-दूर तक आग भड़का सकती है। रूस यूक्रेन युद्ध उसका ताज़ा उदाहरण है।



























