देश की संसद और राजनीति आन्दोलनजीवी, परजीवी और क्रोनीजीवी जैसे शब्दों के तर्क-कुतर्क पर उलझी हुई है, जबकि आम आदमी महँगाई की मार से दोहरा होता जा रहा है। प्याज और सब्जी के आकाश छूते दाम, नए साल में 16 बार पेट्रोल - डीज़ल के भाव बढ़ गए, लेकिन इसकी चर्चा न संसद में है न ही अपने आप को मुख्यधारा का कहने वाले तथाकथित मीडिया के स्टूडियो में।

प्याज और सब्जी के आकाश छूते दाम, नए साल में 16 बार पेट्रोल - डीज़ल के भाव बढ़ गए, लेकिन इसकी चर्चा न संसद में है न ही अपने आप को मुख्यधारा का कहने वाले तथाकथित मीडिया के स्टूडियो में।