देश में चारों ओर मंदी का शोर है। ऑटोमोबाइल सेक्टर में नौकरियां जाने से लेकर उत्पादन गिरने, मूडीज के हमारी विकास दर को कम करने, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के -1.10 प्रतिशत सहित बेरोज़गारी के पिछले 45 सालों में शीर्ष स्तर पर पहुंच जाने जैसी कई भयावह ख़बरें हैं, जो बताती हैं कि आर्थिक मोर्चे पर हालात ठीक नहीं हैं। लेकिन मोदी सरकार के क़ानून मंत्री का बयान आर्थिक मंदी की वजह से अपनी नौकरियां गंवा देने वाले या व्यापार में घाटे की वजह से परेशान व्यापारियों के जख्मों पर नमक छिड़कने वाला है।