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2000 के नोट बदलवाने के लिए कोई फ़ॉर्म की ज़रूरत नहीं: SBI

2000 रुपये के नोटों को बदलने या जमा करने के लिए किसी फॉर्म या पर्ची की ज़रूरत होगी या नहीं? इस अटकल पर आज एसबीआई यानी स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने विराम लगा दिया है। इसने अपनी सभी शाखाओं के लिए एक दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा है कि इसे बिना किसी मांग पर्ची के अनुमति दी जाएगी। इसके दिशा-निर्देश में साफ़ किया गया है कि 20000 रुपये के कुल मूल्य तक के 2,000 रुपये के नोट एक बार में जमा या बदले जा सकते हैं।

एसबीआई का यह स्पष्टीकरण सोशल मीडिया पर कथित ग़लत सूचना के बीच आया है कि प्रतिबंधित नोटों को बदलने के लिए आधार कार्ड जैसे पहचान दस्तावेज जमा करने के साथ एक फॉर्म भरना होगा। हालाँकि, सोशल मीडिया के इस दावे के साथ कोई आधिकारिक बयान आरबीआई की ओर से नहीं आया।

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भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने शुक्रवार को 2000 रुपये के बैंक नोट सर्कुलेशन से वापस लेने का फ़ैसला किया। आरबीआई ने सभी को 30 सितंबर, 2023 तक उन्हें बदलने के लिए कहा है। 2000 रुपए के नोट अभी लीगल टेंडर बने रहेंगे। यानी ये नोट अमान्य नहीं होंगे जैसा कि पिछली बार नोटबंदी में किया गया था। 

आरबीआई की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि 23 मई, 2023 से किसी भी बैंक में एक समय में 2000 रुपये के नोटों को अन्य मूल्यवर्ग के नोटों में बदलने की सीमा 20000 रुपये तक की जा सकती है। इसने कहा है, 'सभी बैंक 30 सितंबर, 2023 तक 2000 रुपये के नोटों के लिए जमा और/ या विनिमय सुविधा देंगे'।

इसी बीच 2000 रुपये के नोटों को बदलने के लिए नियमों को लेकर कई तरह के कयास लगाए गए। एनडीटीवी ने सरकारी सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि लोग एक दिन में कितनी भी बार 20000 रुपये तक के 2000 रुपये के नोट बदल सकते हैं। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति को एक कतार में खड़ा होना पड़ता है, और वे पैसे बदलवाने के बाद वापस आ सकते हैं और उसी कतार में खड़े हो सकते हैं। एक बार नोट बदलने या जमा करने के बाद फिर से कतार में खड़े होने पर कोई रोक नहीं है।

जल्द बंद होने वाली करेंसी को एक्सचेंज करने के लिए किसी व्यक्ति का बैंक का ग्राहक होना जरूरी नहीं है। एक गैर-खाताधारक किसी भी बैंक शाखा में एक समय में ₹ 20000 की सीमा तक 2000 के बैंकनोट बदलवा सकता है।

आरबीआई ने साफ़ किया है कि एक्सचेंज सुविधा का लाभ उठाने के लिए लोगों को कोई शुल्क नहीं देना होगा। इसके अलावा, बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे वरिष्ठ नागरिकों और विकलांग व्यक्तियों के लिए असुविधा को कम करने की व्यवस्था करें जो 2000 रुपये के नोटों को बदलना या जमा करना चाहते हैं।

बता दें कि नवंबर 2016 में 2000 रुपये के इस बैंकनोट को पेश किया गया था। तब इसके साथ ही 500 रुपये के नोट भी नये आकार में आए थे। 2000 रुपये और 500 रुपये के ये दोनों नये नोट उस समय प्रचलन में आए थे जब अचानक से सभी 500 रुपये और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बंद कर दिया गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने 2016 में आठ नवंबर को रात को घोषणा की थी और कहा था कि कुछ घंटे बाद रात 12 बजे से ही 500 और 2000 रुपये के ये दोनों नोट अवैध हो जाएँगे। हालाँकि, कुछ दिनों के लिए पुराने नोटों को बदलने का वक़्त दिया गया था, लेकिन कई लोग शिकायत करते हैं कि वह वक़्त नाकाफ़ी था।

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2016 में जब नोटबंदी हुई थी तो देश भर में हाहाकार मच गया था। देश भर के बैंकों और एटीएम पर लोगों की लाइनें लगी रहती थीं। नोटों की कमी होने से लोग रात-रात भर भी लाइनें में लगे रहते थे। तब कई लोगों के व्यापार ठप हो गए थे। शादियाँ टूटने की ख़बरें आई थीं। इलाज के बिना मरीजों के मरने की ख़बरें आई थीं। और कई जगह तो रिपोर्टें आई थीं कि पैसे निकालने के लिए बैंकों की लाइन में लगे लोगों ने दम तोड़ दिया।

अब आरबीआई ने कहा है कि 2000 रुपये के नये नोटों का जो मक़सद था वह पूरा हो गया है। कहा गया है कि यह मक़सद था अन्य मूल्यवर्ग के बैंक नोट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होने का।

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आरबीआई ने कहा है कि अन्य मूल्यवर्ग के बैंक नोट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होने के बाद ही 2018-19 में 2000 रुपये के नोटों की छपाई बंद कर दी गई थी। मार्च 2017 से पहले 2000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोटों में से लगभग 89 प्रतिशत जारी किए गए थे।

प्रचलन में इन बैंक नोटों का कुल मूल्य 31 मार्च, 2018 तक अपने चरम पर 6.73 लाख करोड़ रुपये से गिर गया है। 31 मार्च 2023 को प्रचलन में नोटों का केवल 10.8 प्रतिशत यानी 3.62 लाख करोड़ रुपये रह गया है। 

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क़मर वहीद नक़वी
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