भारत के सबसे बड़े औद्योगिक समूह टाटा समूह के भीतर अस्थिरता की ख़बरें सामने आई हैं। यह उथल-पुथल इतनी है कि मामला केंद्र सरकार तक पहुँच गया। द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन नोएल टाटा, वाइस-चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन, टाटा सन्स के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन और ट्रस्टी डेरियस खंबाटा के साथ बैठक की। सरकार ने टाटा ट्रस्ट के नेतृत्व को निर्देश दिया है कि वे आंतरिक मतभेदों को सुलझाकर टाटा ट्रस्ट और टाटा सन्स में स्थिरता बहाल करें। रिपोर्ट के अनुसार कंपनी में यह तनाव टाटा ट्रस्ट के चार ट्रस्टियों के एक समूह से पैदा हुआ है, जिनपर कथित तौर पर 'सुपर बोर्ड' के रूप में कार्य करने का आरोप है और इससे चेयरमैन नोएल टाटा के अधिकार को चुनौती मिल रही है।
टाटा समूह में इतनी उथल-पुथल कि विवाद केंद्र सरकार तक पहुँच गया?
- अर्थतंत्र
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- 8 Oct, 2025
टाटा समूह के भीतर चल रहा विवाद अब केंद्र सरकार तक पहुँच गया है। कंपनी प्रबंधन और बोर्ड में मतभेदों पर गृहमंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कंपनी के नेतृत्व से क्या कहा?

टाटा समूह
रिपोर्ट के मुताबिक, गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नोएल टाटा, वेणु श्रीनिवासन, एन चंद्रशेखरन और डेरियस खंबाटा के साथ लगभग एक घंटे की बैठक की। इस बैठक में मंत्रियों ने साफ़ संदेश दिया कि किसी भी तरह से स्थिरता बहाल की जानी चाहिए और आंतरिक मतभेदों का टाटा सन्स के संचालन पर कोई असर नहीं पड़ना चाहिए।