अमेरिका और यूरोप द्वारा लगाए गए नए प्रतिबंधों के बाद भारत अपनी सबसे बड़ी आपूर्ति रूस से कच्चे तेल के आयात को तेजी से कम करने की तैयारी में है। रॉयटर्स की गुरुवार को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, देश के प्रमुख निजी खरीदार रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने मॉस्को से कच्चे तेल के आयात को काफी हद तक कम करने या पूरी तरह रोकने की योजना बनाई है। सरकारी रिफाइनर भी अपनी खरीद योजनाओं का पुनर्मूल्यांकन कर रहे हैं। यह सब तब हो रहा है जब ट्रंप ने दावा किया है कि भारत इस साल तक पूरी तरह रूसी तेल आयात बंद कर देगा।
भारत प्रतिबंधों से बचने के लिए रूसी तेल खरीद तेजी से घटा सकता है: रिपोर्ट
- अर्थतंत्र
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- 23 Oct, 2025
Russian Oil Purchase controversy: एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत रूसी तेल की खरीद में तेजी से कमी ला सकता है ताकि अमेरिका और पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों से बचा जा सके। क्या ऊर्जा सुरक्षा और कूटनीतिक संतुलन के बीच फँस गया है भारत?

रिपोर्ट के अनुसार यह निर्णय यूक्रेन संघर्ष के कारण अमेरिका और उसके सहयोगियों द्वारा रूसी ऊर्जा कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकोइल पर लगाए गए अतिरिक्त प्रतिबंधों के बाद आया है। ब्रिटेन ने पिछले हफ्ते इन दोनों रूसी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए थे, जबकि यूरोपीय संघ ने 19वें दौर के प्रतिबंधों को मंजूरी दी, जिसमें रूसी तरलीकृत प्राकृतिक गैस यानी एलएनजी के आयात पर प्रतिबंध शामिल है। अमेरिकी ट्रेजरी ने कंपनियों को 21 नवंबर तक रोसनेफ्ट और लुकोइल के साथ लेनदेन समाप्त करने का समय दिया है।