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आर्थिक मोर्चे पर तगड़ा झटका, विश्व बैंक ने भारत की विकास दर का अनुमान घटाया

अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेन्सी मूडीज़ के 2019-2020 के लिए भारत के सकल घरेल उत्पाद की अनुमानित वृद्धि दर घटाकर 5.8 प्रतिशत करने के बाद विश्व बैंक ने भी रविवार को चालू वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत की ग्रोथ रेट का अनुमान घटा दिया है। विश्व बैंक ने कहा है कि भारत की विकास दर 6% रह सकती है जबकि पिछले वित्त वर्ष (2018-19) में भारत की विकास दर 6.9% रही थी। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक से पहले जारी रिपोर्ट में यह बात कही गई है। 

वित्त वर्ष 2018-19 में भारत की वृद्धि दर 6.8% रही थी जबकि 2017-18 में यह 7.2% थी। हालांकि विश्व बैंक ने यह भी कहा है कि भारत 2021 में 6.9% और 2022 में 7.2% की विकास दर हासिल कर सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक़, मैन्युफ़ैक्चरिंग और निर्माण गतिविधियों के कारण औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर बढ़कर 6.9 प्रतिशत हो गयी, जबकि कृषि और सेवा क्षेत्र में वृद्धि दर क्रमशः 2.9 और 7.5 प्रतिशत रही। 

मूडीज ने वृद्धि दर कम रहने के पीछे निवेश और माँग में कमी, ग्रामीण इलाक़ों में मंदी और रोज़गार के मौक़े बनाने में नाकामी को कारण बताया था। मूडीज़ ने कहा था कि ये कारण लंबे समय तक बने रहेंगे।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलीना जॉर्जीवा ने हाल ही में कहा है कि भारत जैसी विकासशील अर्थव्यवस्था वाले देश में आर्थिक मंदी ज़्यादा प्रभावी और साफ़ दिख रही है। जॉर्जीवा ने चिंता जताई थी कि विश्व की अर्थव्यवस्था का 90 प्रतिशत हिस्सा अगले साल मंदी की चपेट में आ जाएगा।

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लगातार लग रहे झटके

पिछले कुछ महीने से आर्थिक मोर्चे पर लगातार एक के बाद एक निराशजनक ख़बरें आ रही हैं। कुछ दिन पहले भारतीय रिज़र्व बैंक ने सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी वृद्धि दर में कटौती कर दी थी और इसे 6.9 प्रतिशत से कम कर 6.1 प्रतिशत कर दिया था। विश्व आर्थिक फ़ोरम द्वारा तैयार अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्द्धा इन्डेक्स में भी भारत 10 स्थान फिसल कर 68वें स्थान पर आ गया। 

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भारत से तेज़ी से बढ़ रहे बांग्लादेश, नेपाल 

विश्व बैंक ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में बांग्लादेश और नेपाल भारत से ज़्यादा तेज़ी से विकास करेंगे। चालू वित्त वर्ष में बांग्लादेश की विकास दर 8.1% और नेपाल की विकास दर 7.1% रहने का अनुमान लगया गया है। जबकि पाकिस्तान की वृद्धि दर और ज़्यादा गिरकर 2.4% रहने का अनुमान जताया गया है। दक्षिण एशिया की वृद्धि दर में अप्रैल के मुक़ाबले 1.1% की गिरावट के साथ 5.9% रहने का अनुमान है। 

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क़मर वहीद नक़वी
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