loader

कश्मीर: सुरक्षित इलाकों में भेजे गए 177 कश्मीरी पंडित शिक्षक 

कश्मीर में बने खौफनाक माहौल के बीच 177 कश्मीरी पंडित शिक्षकों को सुरक्षित इलाकों में ट्रांसफर कर दिया गया है। हालांकि यह पता नहीं चला है कि उन्हें कश्मीर से बाहर भेजा गया है या फिर कश्मीर में ही वे किसी जगह पर रहेंगे। 

बता दें कि बीते महीने बडगाम में राहुल भट की हत्या के बाद से ही कश्मीरी पंडित उन्हें सुरक्षित इलाकों में भेजे जाने की मांग को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं।

साल 2012 में कश्मीरी पंडितों को प्रधानमंत्री स्पेशल पैकेज के तहत कश्मीर में नौकरियां दी गई थीं।

वर्तमान में कश्मीर घाटी में अलग-अलग जिलों में 6000 कश्मीरी पंडित नौकरियां कर रहे हैं। घाटी में हो रही हत्याओं को लेकर वे लोग दहशत में हैं और उन्हें जम्मू ट्रांसफर किए जाने की मांग उठा रहे हैं।

कश्मीर में इस साल अब तक 17 लोगों की टारगेट किलिंग हो चुकी है। मई से अब तक आतंकी एक के बाद एक 8 लोगों को मौत के घाट उतार चुके हैं।

कश्मीर से भागकर जम्मू की ओर आ रहे कश्मीरी पंडित और हिंदू समुदाय के बाहरी लोग लगातार अपना दर्द बयां कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे लोग खौफ में और ज्यादा दिन नहीं रह सकते क्योंकि लगातार हत्याएं हो रही हैं। 

ताज़ा ख़बरें

अनंतनाग से लेकर बडगाम जिले तक के लोग लगातार कश्मीर छोड़ रहे हैं। उनका कहना है कि कश्मीर अल्पसंख्यकों के लिए बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है। कई जगहों पर प्रशासन ने कुछ परिवारों को कैद कर दिया है लेकिन वे लोग वहां से निकलना चाहते हैं।

घाटी में ही रहेंगे कश्मीरी पंडित: केंद्र

उधर, कश्मीर के मसले पर शुक्रवार को गृह मंत्रालय में तीन दौर की बैठक हुई। इन बैठकों में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, एनएसए अजित डोभाल, जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह सहित राज्य की सुरक्षा से जुड़े तमाम आला अफसर मौजूद रहे।

जम्मू-कश्मीर से और खबरें

एनडीटीवी के मुताबिक, बैठक में यह फैसला लिया गया कि कश्मीरी पंडितों को घाटी से बाहर नहीं भेजा जाएगा बल्कि उन्हें कश्मीर में ही किसी सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा। 

बैठक में कश्मीर में आतंकियों के द्वारा एक के बाद एक की जा रही ताबड़तोड़ हत्याओं के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया गया। 

गृह मंत्रालय के दफ्तर नॉर्थ ब्लॉक में हुई इन बैठकों में कश्मीर के हालात को लेकर गंभीर चर्चा हुई। एनडीटीवी के मुताबिक, बैठकों में एक आला अफसर ने सरकार से कहा कि कश्मीर में हो रही हिंसा जिहाद नहीं है बल्कि कुछ अलगाववादी तत्वों द्वारा इसे अंजाम दिया जा रहा है। 

ताबड़तोड़ वारदात

गुरुवार रात को जम्मू-कश्मीर के बडगाम के चढूरा गांव में आतंकियों ने दो मजदूरों को गोली मार दी। इन में से एक की मौत हो गई। उसकी पहचान दिलखुश कुमार के रूप में हुई है। गुरुवार सुबह ही कुलगाम में एक बैंक मैनेजर विजय कुमार की आतंकियों ने बैंक में घुसकर हत्या कर दी थी। विजय कुमार राजस्थान के रहने वाले थे। जबकि 31 मई को कुलगाम के सरकारी स्कूल में टीचर रजनीबाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

जम्मू-कश्मीर से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें