अनुच्छेद 370 में बदलाव के 42 दिन बाद भी न तो सामान्य स्थिति बहाल हुई है और न ही लोगों में गिरफ़्तारी का ख़ौफ़ कम हुआ है। पहले से जो गिरफ़्तार हैं उनकी रिहाई का तो कुछ पता है नहीं, अभी भी गिरफ़्तारियाँ जारी हैं। हालाँकि पुलिस आधिकारिक रूप से संख्या नहीं बता रही है कि पूरे राज्य में अब तक कितने लोगों की गिरफ़्तारियाँ हुई हैं। मीडिया रिपोर्टें हैं कि क़रीब 4500 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। परिजन यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्हें कहाँ रखा गया है और कैसे हालात में हैं। गिरफ़्तार लोगों के बार में इसलिए भी पता नहीं चल पा रहा है कि कुछ को जम्मू तो कुछ को उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा की जेलों में रखा गया है।
370: 42 दिन बाद भी कम क्यों नहीं हुआ गिरफ़्तारी का ख़ौफ़
- जम्मू-कश्मीर
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- 16 Sep, 2019
अनुच्छेद 370 में बदलाव के 42 दिन बाद भी न तो सामान्य स्थिति बहाल हुई है और न ही लोगों में गिरफ़्तारी का ख़ौफ़ कम हुआ है। गिरफ़्तारी की जानकारी क्यों नहीं दी जा रही है?

अपने लोगों को ढूँढते हुए सिंधु शर्मल गाँव के 30 लोग पिछले हफ़्ते गुरुवार को शोपियाँ ज़िला हेडक्वार्टर पहुँचे थे। सभी क़रीब-क़रीब बुजुर्ग थे। अँग्रेज़ी अख़बार 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीणों ने डीसी यानी डिप्टी कमिश्नर यासीन चौधरी से मुलाक़ात की। वे गिरफ़्तार किए गए अपनों के बारे में जानकारी लेने आए थे और साथ ही वे उन तीन अपेक्षाकृत बुजुर्ग लोगों को रिहा करने की माँग कर रहे थे जिन्हें एक दिन पहले ही पाँच युवाओं के साथ गिरफ़्तार किया गया था।