इससे पहले, जम्मू-कश्मीर की एआईसीसी प्रभारी रजनी पाटिल ने पत्रकारों से कहा कि गांधी की विचारधारा में विश्वास करने वाले किसी भी नेता का भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने का स्वागत है। एक सवाल के जवाब में कि लाल सिंह के यात्रा में शामिल होने का गलत प्रभाव हो सकता है, पाटिल ने कहा, हम सिर्फ अपने नेता के मार्च पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। अगर लाल सिंह का मानना है कि राहुल गांधी विभिन्न धर्मों और जातियों के बीच की खाई को पाट रहे हैं, तो उनका स्वागत है।
राजनीतिक अवसरवादः गुलाम नबी आजाद का कांग्रेस से जब मोहभंग हुआ तो उन्होंने जम्मू कश्मीर में अपनी क्षेत्रीय पार्टी गठित करके राज्य में अवसरवादी कांग्रेसी नेताओं को सक्रिय कर दिया। करीब 17 सक्रिय कांग्रेस नेताओं ने कांग्रेस छोड़कर गुलाम नबी आजाद की डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी (डीएपी) में शामिल होने की घोषणा कर दी। इनका नेतृत्व वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम ताराचंद शर्मा कर रहे थे। इन 17 नेताओं में विजय टगोत्रा भी थे।