लाल क़िला के पास विस्फोट, हरियाणा के फरीदाबाद में पकड़े गए आतंकी मॉड्यूल और इससे बरामद विस्फोटक सामग्री के नौगाम पुलिस स्टेशन में विस्फोट के बीच फारूक अब्दुल्ला ने 'ऑपरेशन सिंदूर' जैसी कार्रवाई का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' से 'कुछ नहीं निकला' और भारत-पाकिस्तान को अपने रिश्ते सुधारने चाहिए। ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना का 7 मई 2025 को शुरू किया गया सैन्य अभियान था, जो पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का बदला लेने के लिए चलाया गया। इस आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे।

जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला का यह बयान तब आया है जब फरीदाबाद में पिछले हफ़्ते पकड़े गए 'व्हाइट कॉलर' आतंकी मॉड्यूल से बरामद विस्फोटक सामग्री श्रीनगर के बाहरी इलाके नौगाम पुलिस स्टेशन में शुक्रवार रात विस्फोट हो गया। इसमें कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई। बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं। फरीदाबाद में विस्फोट सामग्री पकड़े जाने के दिन ही लाल क़िला के पास बड़ा आतंकी हमला हुआ था। इसमें भी नौ से ज़्यादा लोगों की मौत हुई थी और कई घायल हुए थे।

'दोस्त बदले जा सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं'

इन आतंकवादी हमलों के बीच कुछ लोग सोशल मीडिया पर 'ऑपरेशन सिंदूर' जैसी कार्रवाई की बातें कहने लगे। इसी बीच अब फारूक अब्दुल्ला का बयान आया है। एएनआई से बातचीत में अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा, 'मैं उम्मीद करता हूं कि ऐसा कुछ (ऑपरेशन सिंदूर) दोबारा न हो। उससे कुछ निकला नहीं। हमारे लोग मारे गए। हमारी सीमाओं पर नुक़सान हुआ। मैं उम्मीद करता हूं कि दोनों देश अपने रिश्ते सुधारें। यही एकमात्र रास्ता है। मैं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की बात दोहराना चाहता हूं कि दोस्त बदले जा सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं बदले जा सकते।'

उन्होंने स्थानीय अधिकारियों द्वारा विस्फोटक सामग्री को संभालने के तरीके को 'हमारी गलती' बताया और जोर दिया कि विशेषज्ञों से पहले सलाह ली जानी चाहिए थी।

उन्होंने कहा, 'यह हमारी गलती है। जिन्हें इस विस्फोटक के बारे में बेहतर समझ है, हमें पहले उनसे बात करनी चाहिए थी कि इसे कैसे हैंडल करना है। खुद करने की कोशिश की, नतीजा आपने देख लिया - नौ लोग मारे गए। वहां घरों को इतना नुकसान हुआ।'

नौगाम ब्लास्ट कैसे हुआ?

जम्मू-कश्मीर पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात ने शनिवार को श्रीनगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि शुक्रवार रात क़रीब 11:20 बजे नौगाम पुलिस स्टेशन में आकस्मिक विस्फोट हुआ, जिसमें नौ लोग मारे गए और 32 घायल हो गए। यह हादसा तब हुआ जब पुलिस और फॉरेंसिक विशेषज्ञ फरीदाबाद से बरामद विस्फोटकों से सैंपल निकाल रहे थे।

डीजीपी ने कहा, '10 नवंबर को फरीदाबाद में आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया था। वहां से भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ, रसायन और रिएजेंट बरामद हुए थे। आगे की फॉरेंसिक और रासायनिक जांच के लिए सैंपल भेजने थे। बरामदगी की भारी मात्रा के कारण यह प्रक्रिया पिछले दो दिनों से चल रही थी। बरामदगी की अस्थिर और संवेदनशील प्रकृति के कारण सैंपलिंग और हैंडलिंग अत्यधिक सावधानी से की जा रही थी। दुर्भाग्यवश, इस प्रक्रिया में शुक्रवार रात करीब 11:20 बजे आकस्मिक विस्फोट हो गया। इस घटना के कारण के बारे में कोई अन्य अटकल अनावश्यक है।'
मारे गए नौ लोगों में जम्मू-कश्मीर पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम यानी एसआईए का एक कर्मी, एफएसएल टीम के तीन सदस्य, दो क्राइम सीन फोटोग्राफर, मजिस्ट्रेट टीम के दो राजस्व अधिकारी और टीम से जुड़ा एक दर्जी शामिल था। घायलों में 27 पुलिसकर्मी, दो राजस्व अधिकारी और नौगाम पुलिस स्टेशन से सटे इलाके के तीन नागरिक शामिल हैं।

ऑपरेशन सिंदूर पर बयान क्यों?

'ऑपरेशन सिंदूर' पर फारूक अब्दुल्ला का यह बयान साफ़ तौर पर फरीदाबाद में पकड़े गए आतंकी मॉड्यूल और हाल ही में दिल्ली में हुए विस्फोट से जुड़ा लगता है। सुरक्षा एजेंसियों ने दावा किया था कि यह मॉड्यूल पाकिस्तान से संचालित था और बड़े हमलों की योजना बना रहा था।

अब्दुल्ला का बयान ऐसे समय में आया है जब घाटी में सुरक्षा बल लगातार आतंकी मॉड्यूलों का भंडाफोड़ कर रहे हैं और हाल के विस्फोटों के बाद सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के उस बयान को याद किया जा रहा है जिसमें उन्होंने कहा था कि 'आतंकवादियों को घर में घुसकर मारेंगे'।

जाँच की मांग

जेकेएनसी के अलावा अन्य विपक्षी दलों ने भी इस हादसे पर दुख जताया है और जांच की मांग की है। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि 'यह हादसा पुलिस और फॉरेंसिक टीम की सावधानी की कमी को दिखाता है। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं।' वहीं, बीजेपी के जम्मू-कश्मीर प्रभारी तरुण चुघ ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण हादसा है, लेकिन आतंकी साजिशों को नाकाम करने में हमारे सुरक्षा बल दिन-रात लगे हैं।

घाटी में सुरक्षा बलों की सतर्कता बढ़ा दी गई है और नौगाम इलाके में राहत एवं बचाव कार्य जारी हैं। मृतकों के परिजनों को सरकारी सहायता का ऐलान किया गया है। यह हादसा एक बार फिर विस्फोटकों की सुरक्षित हैंडलिंग पर सवाल उठाता है।