पाकिस्तान की खुफ़िया एजेन्सी आईएसआई ने क्या जम्मू-कश्मीर में अपनी रणनीति बदल दी है? क्या वह खूंखार आतंकवादियों के बदले अब उन लोगों की मदद ले रहा है जो आम नागरिकों की तरह रहते हैं और किसी वारदात को अंजाम देकर फिर अपनी जगह लौट आते हैं?