पाकिस्तान की खुफ़िया एजेन्सी आईएसआई ने क्या जम्मू-कश्मीर में अपनी रणनीति बदल दी है? क्या वह खूंखार आतंकवादियों के बदले अब उन लोगों की मदद ले रहा है जो आम नागरिकों की तरह रहते हैं और किसी वारदात को अंजाम देकर फिर अपनी जगह लौट आते हैं?
पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की रणनीति बदल दी है। क्या है वह रणनीति और भारत कैसे करेगा सामना?

सवाल यह है कि क्या आईएसआई बड़े और अत्याधुनिक हथियारों के बदले पिस्टल का इस्तेमाल कर रहा है? इससे भी बड़ा सवाल यह है कि क्या भारत के ही कुछ लोग उसे इसमें मदद कर रहे हैं?
इन सवालों के उठने की वजह पिछले एक सप्ताह से कुछ अधिक समय में जम्मू-कश्मीर में हुई कुछ वारदाते हैं और राष्ट्रीय जाँच एजेन्सी यानी एनआईए के छापों से मिली कुछ जानकारियाँ हैं।