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जम्मू-कश्मीर में जल्द ही पुलिस संभालेगी कानून व्यवस्था: अमित शाह

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि जल्द ही जम्मू-कश्मीर की पुलिस कानून-व्यवस्था संभालेगी और धीरे-धीरे सेनाएं हटा ली जाएंगी। उन्होंने कहा कि हमने सात साल के लिए एक खाका बनाया है और हम जम्मू-कश्मीर की पुलिस को मजबूत करने पर काम कर रहे हैं। अधिकांश हिंसक घटनाओं को पुलिस द्वारा नियंत्रित किया जाता है क्योंकि वे सबसे आगे हैं, और केंद्रीय बल उनका समर्थन करते हैं। 
गृहमंत्री अमित शाह ने एक इंटरव्यू में कहा है कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में शांति आई है, टूरिज्म बढ़ा है, आतंकवाद खत्म हो गया है, पत्थरबाजी जीरो हो गई है। 30 साल के बाद मोहर्रम का जुलूस निकला है। 
गुलिस्तान न्यूज चैनल को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 पर जम्मू-कश्मीर की जनता में एक भ्रांति फैलाई गई थी, जो अब पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। मुझे खुशी है कि आज जम्मू-कश्मीर की जनता इस चीज को महसूस कर रही है। 
इस इंटरव्यू में उन्होंने कहा है किअनुच्छेद 370 की आड़ में अलगाववाद को एक विचारधारा बनाकर जम्मू-कश्मीर के युवाओं को आतंकवाद की ओर धकेला गया। पाकिस्तान ने इसका फायदा उठाया और पिछले चार दशकों में जम्मू-कश्मीर में 40,000 से ज्यादा युवा मारे गए। अब क्षेत्र शांति की ओर बढ़ रहा है और आतंकवाद लगभग समाप्त हो गया है। 
2004-14 में लगभग 7 हजार टेररिस्ट घटनाएं हुई थीं, जबकि 2014-24 में सिर्फ 2,227 हुई। लगभग 70 प्रतिशत की कमी आई है। 
2004-14 में कुल मृत्यु 2,829 हुई थी और 2014-24 में सिर्फ 915 हुई हैं। इसमें भी 68 प्रतिशत की कमी आई है। जो इस्लाम की बात करते हैं मैं उनको बताना चाहता हूं कि नागरिकों की मृत्यु में 85 प्रतिशत मुस्लिम भाई-बंधु मारे गए हैं। 
उन्होंने कहा है कि, हम जम्मू-कश्मीर के युवाओं के साथ बातचीत करेंगे। हम पाकिस्तान से निकले किसी भी संगठन से बात नहीं करेंगे। वे 40,000 लोगों की मौत के लिए ज़िम्मेदार हैं। 
हमने कई संगठनों पर रोक लगा दी है। 36 व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित किया गया है और हमने आतंकवाद की रीढ़ तोड़ने के लिए लगभग 22 मामले दर्ज किए हैं। 150 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है, 90 संपत्तियां कुर्क की गई हैं और 134 बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं।
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कहा, इन तीन पार्टियों ने जम्हूरियत को रोका 

अपने इस इंटरव्यू में गृहमंत्री अमित शाह ने  कांग्रेस, एनसी और पीडीपी पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि ये जो तीन पार्टियां हैं इन तीनों परिवारवादी पार्टियों ने जम्मू-कश्मीर में जम्हूरियत को रोका है।
आजादी के बाद आज तक यहां पंचायत के चुनाव नहीं हुए थे। आज 30 हजार से ज्यादा जनता के प्रतिनिधि पंचायती चुनाव में हिस्सा ले चुके हैं। ये बहुत बड़ी सफलता है।
मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि जम्मू-कश्मीर की तीन प्रमुख वंशवादी राजनीतिक पार्टियों को जनता बाहर कर देगी। इसके अलावा, पाकिस्तान के पक्ष में बोलने वाले सभी लोगों को जम्मू-कश्मीर के लोगों द्वारा करारा जवाब दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र स्थापित करने का मोदी सरकार का वादा है। मोदी जी ने पार्लियामेंट में इस वादे को सार्वजनिक किया है। मैंने भी इस पर बल देकर कहा है। ये पत्थर पर लकीर है कि मोदी का वादा पूरा होने के लिए होता है।
जम्मू और कश्मीर में पहली बार ओबीसी आरक्षण दिया गया है। अब महिलाओं को विधानसभा में एक तिहाई आरक्षण मिलेगा। पंचायत में भी ओबीसी आरक्षण दिया गया है। इसके अलावा, एससी और एसटी को भी समायोजित किया गया है। गुर्जर और बकरवाल के अधिकारों को छीने बिना, पहाड़ी क्षेत्र के लोगों को अलग से 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। 
गृहमंत्री अमित शाह ने एक बार फिर दोहराया कि पाक अधिकृत कश्मीर भारत का हिस्सा है और ये हकीकत है। वहां के मुसलमान भाई भी हमारे हैं और भूमि भी हमारी है, पाकिस्तान ने उसे हथिया लिया है।
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जम्मू-कश्मीर के लिए 58,000 करोड़ रुपये की योजनाएं 

गृहमंत्री अमित शाह ने इस इंटरव्यू में कहा कि हमने जम्मू-कश्मीर के लिए 58,000 करोड़ रुपये की 53 योजनाएं बनाई हैं। 
लगभग 34,000 सरकारी नौकरियाँ सृजित हुई हैं और 10,777 लोगों की भर्ती चल रही है। करीब 7.5 लाख लोगों को स्वरोजगार मिला है। 
हमने लगभग 16,000 प्रत्यक्ष नौकरियाँ दी हैं और लगभग 5,000 अप्रत्यक्ष नौकरियाँ दी हैं। प्रस्तावित निवेश पूरा होने के बाद करीब 4 लाख युवाओं को नौकरी मिलेगी। 
डलझील जो पहले एनक्रोचमेंट के लिए जाना जाता था, वो मोदी 3.O में पांच साल के बाद दुनिया की सबसे खूबसूरत झील बनेगी।
इसी तरह फिल्म सूटिंग के लिए नई नीति लेकर आए हैं। आने वाले समय में जम्मू-कश्मीर में अमूलचूल परिवर्तन होगा।प्रधानमंत्री मोदी जी के लैपटॉप में, जेहन में जम्मू-कश्मीर के विकास का पूरा विजन भी है, और रोडमैप भी। कश्मीरियत को अगर कोई बचाएगा, तो वो मोदी जी ही बचा सकते हैं। 
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क़मर वहीद नक़वी
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