राँची में जब सर्दी के धुंधलके के बीच सूरज डूब रहा था, झारखंड की राजनीति में हेमंत सोरेन का सूरज फिर रोशन हो गया और महागठबंधन ने बीजेपी को क़रारी हार देकर सरकार बनाने का रास्ता निकाल लिया। लेकिन ना जाने क्यों मुझे आज शाम फिर बीजेपी की वरिष्ठ नेता और दिल्ली की मुख्यमंत्री रही सुषमा स्वराज याद आ गईं जब दिल्ली विधानसभा के चुनाव हारने के बाद उन्होंनें कहा था, ‘घर को आग लग गई घर के चिराग़ से।’
झारखंड: तानाशाह बन गये थे रघुबर दास, जनता ने सिखा दिया सबक
- झारखंड
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- 24 Dec, 2019

बीजेपी शासन में काश्तकारी अधिनियम में हुए बदलाव का असर भी आदिवासी समाज पर पड़ा। इसके साथ ही भूमि अधिग्रहण संशोधन की नाराज़गी भी झेलनी पड़ी। जेएमएम के सोरेन ने आदिवासियों के इन मसलों को उठाते हुए जल-जंगल-ज़मीन के मुद्दों से आदिवासियों के साथ रिश्ते को गहरा कर लिया। बीजेपी में घर में अंदरूनी नाराज़गी का नुक़सान यह हुआ कि जो अच्छे काम भी रघुबर दास की सरकार ने किए थे, उनको भी पार्टी ठीक से वोटर तक नहीं पहुँचा पाई।