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ईडी समन मामले में हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से झटका, हाईकोर्ट जाने को कहा  

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हेमंत सोरेन को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन की ओर से इस मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया है। साथ ही उन्हें इस मामले में झारखंड हाईकोर्ट जाने को कहा है। 
सुप्रीम कोर्ट के इस रुख के बाद हेमंत सोरेन ने अपनी रिट याचिका वापस ले है और अब वह इस ईडी के समन को झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। 

हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में ईडी के समन को रद्द करने की मांग के साथ ही पीएमएलए एक्ट की धारा 50 और 63 की संवैधानिक वैधानिकता को चुनौती दी थी। 

लाइव लॉ वेबसाइट की एक खबर के मुताबिक इस समन में उन्हें रांची में जमीन की धोखाधड़ी और उसकी बिक्री से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में चल रही जांच मेंं पूछताछ के लिए पेश होने के लिए कहा गया था। इस मामले की सुनवाई जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की खंडपीठ ने की। 

खंडपीठ ने सोमवार को हुई सुनवाई की शुरुआत में ही पूछा कि सोरेन ने राहत के लिए पहले झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा क्यों नहीं खटखटाया। इसके जवाब में हेमंत सोरेन की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया कि धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की संवैधानिकता से संबंधित कई सवाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं। इसके अलावा उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जारी किए गए समन को मनमानी कहा। 

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अब हाईकोर्ट में हेमंत देंगे ईडी के समन को चुनौती 

लाइव लॉ वेबसाइट की खबर कहती है कि जस्टिस अनिरुद्ध बोस ने हेमंत सोरेन के वकील से कहा कि मामला सामान्य तौर पर हाईकोर्ट से शुरू होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के रुख को देखते हुए अंत में मुकुल रोहतगी झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा दायर याचिका को वापस लेने पर सहमत हुए।
जिसके बाद खंडपीठ ने कहा कि वर्तमान याचिका तदनुसार खारिज कर दी जाती है क्योंकि इसे हाईकोर्ट जाने की स्वतंत्रता के साथ वापस ले लिया गया है। 
वहीं ईडी की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने अदालत से हेमंत सोरेन को धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 50 और 63 की संवैधानिकता से संबंधित मुद्दों को फिर से चुनौती देने से रोकने का आग्रह किया। उन्होंने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता को पूछताछ के लिए बुलाने के चरण में याचिका सुनवाई योग्य नहीं हो सकती है। 
हालांकि खंडपीठ ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू की दलीलों का समर्थन नहीं किया। समन के खिलाफ सोरेन की कानूनी चुनौती की स्थिरता पर जस्टिस त्रिवेदी ने कहा कि उन्हें चुनौती देने का पूरा अधिकार है। हम यह नहीं कह सकते कि वह समन को चुनौती नहीं दे सकते। 
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हेमंत ने ईडी के समन को राजनीति से प्रेरित बताया  

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने आवेदन में सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि वह ईडी के समन को रद्द कर दे। हेमंत ने कहा था कि ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में कानूनी चुनौती के बावजूद समन जारी करना जारी रखा है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से लगाई गुहार में कहा था कि ईडी द्वारा उन्हें धमकाने, अपमानित करने और डराने- धमकाने के लिए बार-बार समन जारी किया जाता है जो कि राजनीति से प्रेरित है। 
हेमंत सोरेन ने अपनी याचिका में कहा था कि, ये समन 'अपमानजनक, अनुचित और अवैध' होने के साख ही किसी राज्य के मुख्यमंत्री के उच्च पद को कमजोर करने का भी प्रभाव रखता है। इन समन में कथित तौर पर उन्हें झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में संबोधित किया गया है, न कि व्यक्तिगत तौर पर। 
सोरेन की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि हाल में उन्हें चौथा समन भेज कर 23 सितंबर को पूछताछ के लिए उपस्थित होने को कहा गया है। इससे पहले ई़डी ने जमीन-खरीद-बिक्री मामले में समन जारी कर 9 सितंबर को पूछताछ के लिए उपस्थित होने को कहा था। हालांकि तब हेमंत सोरेन पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर नहीं गए थे। तब वह जी-20 समिट में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित भोज में शामिल होने के लिए दिल्ली चले गए थे। 
हेमंत सोरेन ने दावा किया है कि केंद्रीय एजेंसी जांच के नाम पर प्रमुख विपक्षी नेताओं को तंग कर रही हैं। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार के इशारे पर केंद्रीय एजेंसी काम कर रही है। आगामी आम चुनावों के मद्देनजर विपक्षी इंडिया गठबंधन का गठन होने के बाद कथित तौर पर इस तरह मामले में तेजी आई है। 
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क़मर वहीद नक़वी
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