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हेमंत सोरेन ने ईडी के समन को दी चुनौती, जानें क्या आरोप लगाया

ईडी ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 23 सितंबर के लिए समन दिया है और इधर मुख्यमंत्री ने ईडी की कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की कार्रवाई को लेकर जब सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो सोमवार को उनके मामले की सुनवाई की संभावना है।

मुख्यमंत्री ने पिछले महीने एजेंसी से कहा था कि वह उनके खिलाफ समन वापस ले ले नहीं तो वह कानूनी कार्रवाई करेंगे। ईडी के भेजे समन पर बीते 14 अगस्त को ईडी कार्यालय नहीं जाकर उन्होंने संदेश देने की कोशिश की थी कि वह ईडी से नहीं डरते हैं। तब मीडिया रिपोर्टों में कहा गया था कि ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर देवव्रत झा को उन्होंने एक पत्र लिखा था। पत्र में हेमंत सोरेन ने कहा था कि 'ईडी उन्हें भेजा गया समन वापस ले। अगर वह इसे वापस नहीं लेगा तो वह कानून का सहारा लेंगे।' उनके इस पत्र के बाद माना जा रहा है कि हेमंत सोरेन ईडी के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने का मन बना चुके हैं।

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बहरहाल, अब सोरेन ने अपनी याचिका में कहा है, 'केंद्र उन विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए ईडी का इस्तेमाल कर रहा है जो सरकार के साथ काम नहीं कर रहे हैं और आम चुनावों की तारीख नजदीक आने और सत्तारूढ़ एनडीए के खिलाफ विपक्षी गठबंधन इंडिया के गठन के साथ निशाना बनाए जाने में तेजी आई है।'

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार सोरेन ने कहा है, 'याचिकाकर्ता के स्वामित्व और कब्जे वाली संपत्तियों और उसके अधिग्रहण के स्रोत के बारे में पीएमएलए के तहत जांच की आड़ में बार-बार समन दिया जा रहा है, जिसकी जानकारी और सामग्री पहले से ही ईडी और केंद्रीय जांच ब्यूरो के पास है। यह केंद्र सरकार के इशारे पर परेशान करने, डराने-धमकाने की चाल है और ईडी द्वारा शक्तियों का पूरी तरह दुरुपयोग के अलावा कुछ नहीं है।'

केंद्रीय जाँच एजेंसी ने ताज़ा समन जारी कर 23 सितंबर को पेश होने के लिए कहा है। पिछले महीने सोरेन को मामले की जांच में शामिल होने के लिए कहा था।
मुख्यमंत्री ने तब केंद्रीय जांच एजेंसी को लिखे पत्र में कहा था कि उन्होंने सभी आवश्यक दस्तावेज और जानकारी उपलब्ध करा दी है। उन्होंने कहा कि अगर ईडी को कोई जानकारी चाहिए तो वह दस्तावेजों का हवाला दे सकती है।
झारखंड के साहेबगंज जिले में अवैध खनन मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों पर हेमंत सोरेन की जांच की जा रही है। सोरेन पर आरोप है कि उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए जून 2021 में अपने ही नाम खदान का पट्टा आवंटित कर लिया था। इसके खिलाफ बीजेपी नेता रघुवर दास व बाबूलाल मरांडी ने राज्यपाल से शिकायत की थी और कहा था कि इसमें ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का मामला बनता है। बीजेपी ने मांग की थी कि मुख्यमंत्री को अयोग्य घोषित कर दिया जाना चाहिए। 
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हालाँकि, सोरेन ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है और एक आदिवासी नेता को परेशान करने की एक बड़ी साजिश का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियां उन्हें निशाना बना रही हैं क्योंकि वह केंद्र सरकार के साथ तालमेल नहीं कर रहे हैं।

बता दें कि सोरेन पिछले साल नवंबर में जांच एजेंसी ईडी के सामने पेश हुए थे। सोरेन ने ईडी के सामने पेशी से पहले कहा था कि ईडी की ओर से 1000 करोड़ के घोटाले का जिक्र किया गया है लेकिन यह किस आधार पर किया गया है, यह समझ से परे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच एजेंसियों को पूरी जांच पड़ताल करने के बाद ही कोई ठोस आरोप लगाना चाहिए। 

सोरेन ने कहा था कि जिस तरह समन की कार्रवाई चल रही है, उससे ऐसा लगता है कि जैसे वह देश छोड़कर भागने वाले हों। उन्होंने कहा कि ऐसी कार्रवाई से राज्य में संशय की स्थिति पैदा होती है। 

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क़मर वहीद नक़वी
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