तबरेज़ अंसारी की लिन्चिंग के गवाह और केस डायरी कुछ कहते हैं और पुलिस कुछ और कहती है। गवाह जानबूझकर की गई हत्या की ओर इशारा करते हैं, केस डायरी में सिर में चोट लगने से मौत होना दर्ज है और सबूत के तौर पर वीडियो भी इसी बात को पुष्ट करते दिखते हैं। लेकिन पुलिस की अपनी अलग ही थ्योरी है। तबरेज़ की पीट-पीट कर हत्या करने के 11 अभियुक्तों पर से पुलिस ने हत्या की धारा हटा दी है और इसे ग़ैर इरादतन हत्या का मामला माना है। पुलिस ने इसके लिए फ़ाइनल पोस्टमार्टम रिपोर्ट को आधार बनाया है। इसमें कहा गया है कि तबरेज़ की मौत सिर में चोट लगने से ही नहीं, बल्कि दिल का दौरा पड़ने से भी हुई है। शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साफ़ तौर पर इशारा मिला था कि तबरेज़ की मौत सिर में चोट लगने और ब्रेन हेमरेज से हुई थी। फिर पुलिस की थ्योरी कैसे बदल गई?
बता दें कि मामले में 11 अभियुक्तों से हत्या की धारा हटाए जाने के बाद तबरेज़ की पत्नी एस. परवीन ने सीबीआई जाँच कराने की माँग की है। उन्होंने कहा कि प्रशासन के दबाव में हत्या की धारा हटाई गई है और इसकी उच्च स्तर पर जाँच की जानी चाहिए। सरायकेला खरसावाँ में तबरेज़ को जून महीने में बाइक चोरी के शक में भीड़ ने पीट-पीट कर अधमरा कर दिया था और उससे ‘जय श्री राम’ और ‘जय हनुमान’ के नारे भी लगवाए थे। स्थानीय अस्पताल में भर्ती तबरेज़ की चार दिन बाद मौत हो गई थी।