राष्ट्रपति पद के यूपीए प्रत्याशी यशवंत सिन्हा रांची में थे। उनके प्रचार का यह आखिरी दिन था। झारखंड में यूपीए की सरकार है। लेकिन एक बड़ा फर्क साफ दिख रहा है। झारखंड में सरकार के नेतृत्वकर्ता घटक झामुमो से उन्हें समर्थन नहीं मिल रहा।
राष्ट्रपति चुनाव के बहाने यूपीए में इस बड़ी फूट के गहरे राजनीतिक अर्थ निकाले जा रहे हैं। खुद यशवंत सिन्हा ने जारी लिखित बयान में इसके साफ संकेत दिए। सिन्हा के अनुसार “सार्वजनिक जीवन के अपने लंबे करियर में मैंने कभी भी 'ऑपरेशन लोटस' को लोकतंत्र के लिए इतना ख़तरनाक नहीं देखा। अगर निकट भविष्य में झारखंड में झामुमो-कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के लिए इसी तरह की गंदी रणनीति अपनाई जाए तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा।"