loader

कर्नाटक : बेलगावी गिरजाघर में शख़्स कुल्हाड़ी लेकर घुसा, पादरी का किया पीछा

ऐसे समय जब कर्नाटक में धर्मांतरण को रोकने के लिए विधेयक पेश किया जाने वाला है, राज्य के अलग-अलग हिस्सों से अल्पसंख्यक ईसाइयों पर हमले की ख़बरें लगातार आ रही हैं, जो परेशान करने वाली हैं। कुछ हथियारबंद लोग शनिवार को बेलगावी में एक गिरजाघर के प्रार्थना कक्ष में जबरन घुस गए। 

सीसीटीवी फुटेज में देखा जा सकता है कि एक आदमी हाथ में कुल्हाड़ी लिए हुए प्रार्थना कक्ष में घुसा और पादरी के पीछे पीछे चलने लगा। थोड़ी दूर चलने के बाद वह व्यक्ति भाग गया। उसके एक हाथ में एक तार भी था। 

इस मामले की शिकायत पुलिस में कराए जाने के बाद गिरजाघर की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई। 

ख़ास ख़बरें

बजरंग दल का हुड़दंग

बीते दिनों एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसमें देखा जा सकता था कि कथित तौर पर बजरंग दल के कार्यकर्ता ईसाइयों के एक प्रार्थना कक्ष में ज़बरन घुस जाते हैं और वहाँ तोड़फोड़ करते हैं। यह कथित वारदात कर्नाटक के हासन ज़िले की है। 

वीडियो में देखा जा सकता था कि हासन ज़िले के बेलुड़ में बजरंग दल के कुछ लोग एक चर्च के प्रार्थना कक्ष में घुस कर लोगों को ज़बरन बाहर निकालते हैं और हुड़दंग करते हैं। 

बेलगावी में गिरजाघर में हथियार लेकर घुसने की यह वारदात विधानसभा सत्र शुरू होने के ठीक एक दिन पहले हुई है।

क्या कहा है मुख्यमंत्री ने?

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि सोमवार यानी 13 दिसंबर से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र के दौरान धर्मांतरण विरोधी विधेयक पेश किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि अधिकांश लोग धर्म परिवर्तन पर पाबंदी चाहते हैं। क़ानून विभाग इस मसौदा विधेयक की समीक्षा कर रहा है। 

बोम्मई ने कहा कि प्रस्तावित विधेयक को मंजूरी मिलने की पूरी संभावना है। इसे चर्चा के लिए विधानसभा सत्र में पेश किया जा सकता है।

कर्नाटक में ईसाइयों पर हमले बढ़े

युनाइटेड क्रिश्चियन फोरम, एसोसिएशन फ़ॉर प्रोटेक्शन ऑफ़ सिविल राइट्स (एपीसीआर) और युनाइटेड अगेन्स्ट हेट का कहना है कि भारत में अल्पसंख्यकों और उनके पूजा स्थलों पर होने वाले हमलों के मामले में कर्नाटक तीसरे स्थान पर है।

ये हमले बीते दिनों बढ़े हैं। इस साल शुरू के 272 दिनों में ईसाइयों पर 27 हमले हुए जबकि अक्टूबर से नवंबर के बीच तक पाँच हमले हो चुके हैं। 

 

ये हमले उडुपी, बेलगावी, उत्तर कन्नड़, चित्रदुर्ग और बेंगलुरु में हुए हैं। इनमें हमला, तोड़फोड़, ग़लत आरोप लगाना, झूठमूठ में फंसाना और गिरफ़्तारी शामिल हैं।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

कर्नाटक से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें