loader

कर्नाटकः एच. नागेश का बीजेपी को झटका, आएंगे कांग्रेस में

कर्नाटक में बीजेपी का साथ दे रहे मुलबगल के निर्दलीय दलित विधायक और पूर्व मंत्री ए. नागेश ने आज 10 जनवरी को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार से मुलाकात की। उनके किसी भी समय कांग्रेस का दामन थामने के कयास लगाए जा रहे हैं। राज्य का सियासी माहौल लगातार गरमा रहा है। नागेश का बीजेपी का साथ छोड़ने से वहां उसकी सरकार को कोई खतरा नहीं है लेकिन इस घटनाक्रम के नतीजे दूरगामी होने वाले हैं। अभी तक कई नेता और विधायक बीजेपी का साथ छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं।   
नागेश प्रदेश की येदियुरप्पा के कार्यकाल में बीजेपी सरकार में मंत्री पद भी संभाल चुके हैं। इसके बाद जब बसवराज बोम्मई प्रदेश के सीएम बने तो उन्होंने नागेश को ड्रॉप कर दिया। उसके बाद नागेश के बीजेपी से रिश्ते खटास में बदलते गए। अब वो पूरी तरह बीजेपी और सरकार से अलग भी हो गए। वहीं, इससे पहले 2019 में उन्होंने कांग्रेस और जेडीएस से भी इस्तीफा दे दिया था। अब जब राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं,  तो उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात कर राजनीतिक माहौल गरमा दिया है। हालांकि कांग्रेस पार्टी की तरफ से भी अभी तक इस पर कोई बयान नहीं आया है।

Karnataka: H. Nagesh shocks BJP, will join Congress - Satya Hindi
नागेश ने मंगलवार को कांग्रेस के डी के शिवकुमार से मुलाकात की।
दलित समुदाय से आने वाले एच नागेश अगर कांग्रेस में शामिल होते हैं तो यह कांग्रेस पार्टी को मजबूती प्रदान करेगा। पूर्व मंत्री होने के चलते भी क्षेत्र में उनकी पकड़ मजबूत है, जिसकी फायदा कांग्रेस को मिल सकता है। बीजेपी और कांग्रेस द्वारा अपनी अपनी राजनीति के हिसाब से मतदाताओं को लुभाने के प्रयास किए जाने लगे हैं। हाल ही में कांग्रेस ने चित्रदुर्ग जिले में अनुसूचित जाति और जनजाति सम्मेलन किया जिसमें एक लाख़ से ज्यादा लोग शामिल हुए। कांग्रेस के इस सम्मेलन में अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, डीके शिवकुमार, के सिद्धारमैया जैसे बडे़ नेता शामिल हुए। कांग्रेस अब कर्नाटक में गांव-गांव बस यात्रा निकालने जा रही है। कांग्रेस नेता इसके जरिए गांव-गांव पहुंचेंगे। स्थानीय मुद्दों को उठाएंगे।  
बीजेपी भी इस मामले में पीछे नहीं है बीते 5 और 6 जनवरी को, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विभिन्न धर्मों के मठों तक पहुंचने का प्रयास किया और उन्होंने कांग्रेस के पारंपरिक वोट बैंक, पिछड़े वर्गों के जाति सम्मेलन आयोजित कर उन्हें साथ लाने का प्रयास किया है। कर्नाटक में एससी/एसटी की आबादी 16 फीसदी है, जिन्होंने पिछले चुनाव में ज्यादातर ने कांग्रेस का समर्थन किया था।

कर्नाटक भारतीय जनता पार्टी के लिए दक्षिण भारत की राजनीति का प्रवेश द्वार है।दक्षिण भारत में कर्नाटक के अलावा अभी तक एक भी राज्य में बीजेपी सरकार नहीं बना पाईहै।  वर्तमान में भी वह जेड़ीएस के साथ मिलकरगठबंधन सरकार में है। इस साल होने जा रहे चुनाव में बीजेपी की कोशिश है कि वह अपनेदम पर सरकार में बनाए। इसके लिए वह हर दांव लगा रही है। वह दूसरी पार्टियों और प्रभावशालीनेताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश भी कर रही है। लेकिन काफी समय से वह इसकेप्रयास में है कि कैसे भी करके वह अपने पांव जमा सके, इसके लिए वह लगातार में कोशिशें भी कर रही है। तमिलनाड़ु केवोटर को लुभाने के लिए बनारस में आयोजित तमिल संगमम उसकी ऐसी ही कोशिश का नतीजा है। 
कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा कांग्रेस के पक्ष में माहौल बना रही है, ऐसे में कांग्रेस को उम्मीद है वह कर्नाटक विधानसभा के चुनाव में बीजेपी को हराकर जारी यात्रा के उद्देश्यों को बता सकती है।
कर्नाटक से और खबरें
2017 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के रूप में सिद्धारमैया ने शपथ ली थी। लेकिन बहुमत नहीं साबित कर पाने की वजह से कांग्रेस की सरकार की गिर गई। इसके बाद बीजेपी-जेडीएस के गठबंधन में सरकार बनी,  कुमारास्वामी मुख्यमंत्री बने थे। लेकिन बाद में कांग्रेस की भी सरकार गिर गई थी। जिसके बाद फिर से बीजेपी की सरकार बनी है। कांग्रेस विधानसभा चुनाव से पहले ही बीजेपी और मुख्यमंत्री बोम्मई पर कांग्रेस हमलावर है। कांग्रेस की तरफ से बीजेपी सरकार पर कई तरह के भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए जा रहे हैं। वहीं, बीते महीनों कांग्रेस की तरफ से भ्रष्टाचार को लेकर पे सीएम अभियान भी चलाया गया था।  
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

कर्नाटक से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें