कर्नाटक हाई कोर्ट ने गुरुवार को जाति सर्वेक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने इस प्रक्रिया को कुछ शर्तों के साथ आगे बढ़ाने की अनुमति दी। कोर्ट ने साफ़ किया है कि सर्वेक्षण में भागीदारी पूरी तरह स्वैच्छिक होगी और जुटाए गए डेटा को गोपनीय रखा जाएगा। यह फ़ैसला विभिन्न समुदायों द्वारा दायर याचिकाओं पर तीन दिन की सुनवाई के बाद आया है, जिसमें सर्वेक्षण की वैधता पर सवाल उठाए गए थे।