कर्नाटक हाई कोर्ट ने गुरुवार को जाति सर्वेक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने इस प्रक्रिया को कुछ शर्तों के साथ आगे बढ़ाने की अनुमति दी। कोर्ट ने साफ़ किया है कि सर्वेक्षण में भागीदारी पूरी तरह स्वैच्छिक होगी और जुटाए गए डेटा को गोपनीय रखा जाएगा। यह फ़ैसला विभिन्न समुदायों द्वारा दायर याचिकाओं पर तीन दिन की सुनवाई के बाद आया है, जिसमें सर्वेक्षण की वैधता पर सवाल उठाए गए थे।
कर्नाटक हाई कोर्ट का जाति सर्वेक्षण पर रोक लगाने से इनकार, लेकिन लगाई शर्त
- कर्नाटक
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- 25 Sep, 2025
कर्नाटक हाई कोर्ट ने जाति सर्वेक्षण के मामले में राज्य सरकार को बड़ी राहत दी है। इसने सर्वेक्षण पर रोक लगाने से इंकार करते हुए राज्य सरकार को शर्तों के साथ सर्वे जारी रखने की अनुमति दी।

कर्नाटक हाई कोर्ट की खंडपीठ में मुख्य न्यायाधीश विभु बाखरू और न्यायमूर्ति सी.एम. जोशी शामिल थे। पीठ ने जाति सर्वेक्षण के नाम से जाने जाने वाले सामाजिक-आर्थिक और शैक्षिक सर्वेक्षण पर सुनवाई की। खंडपीठ ने कहा कि सर्वेक्षण को रोकने का कोई ठोस कारण नहीं है। कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में निर्देश दिया कि कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को यह सुनिश्चित करना होगा कि सर्वेक्षण में जुटाया गया डेटा पूरी तरह गोपनीय रहे और इसे किसी के साथ साझा न किया जाए। कोर्ट ने आयोग से एक हलफनामा दायर करने को कहा, जिसमें डेटा सुरक्षा और गोपनीयता के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी हो।