कर्नाटक में तो एकतरफ राजनीतिक गतिविधियां चल रही हैं तो दूसरी वहां के मठ और उसके संत भी राजनीति में पूरी दिलचस्पी ले रहे हैं। राज्य के तमाम मठ अपने-अपने समुदाय के विधायकों को मंत्री बनवाने के लिए सक्रिय हैं।