कर्नाटक सरकार ने स्थानीय निकाय चुनावों में बैलट पेपर प्रणाली को फिर से लागू करने का प्रस्ताव किया है। विपक्ष के नेता राहुल गांधी की वोट चोरी के खिलाफ बिहार में 16 दिनों की 'वोटर अधिकार यात्रा' खत्म होने के फौरन बाद यह प्रस्ताव आया है। कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है। बीजेपी कांग्रेस के प्रस्ताव का खुलकर विरोध कर रही है। अभी तक निकाय चुनाव ईवीएम से हो रहे हैं। कांग्रेस की इस पहल से बीजेपी दबाव में आ गई है, उसने विरोध शुरू कर दिया है। बीजेपी इसे एक खतरे के रूप में देख रही है। क्योंकि कर्नाटक के बाद तमाम विपक्ष शासित राज्य (तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल) निकाय चुनाव बैलेट पेपर से करा सकते हैं। बीजेपी के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी हो सकती है।