loader

कर्नाटक राज्यसभा: बीजेपी को 3 सीटें, कांग्रेस को 1, जेडीएस को ज़ीरो

पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की जनता दल (सेक्युलर) यानी जेडीएस को कर्नाटक में तगड़ा झटका लगा है। वहाँ चार सीटों के लिए हुए चुनाव में बीजेपी ने तीन सीटें जीती हैं, जबकि कांग्रेस एक सीट जीत पाई है। जेडीएस कोई भी सीट नहीं जीत पाई। जेडीएस के एक विधायक को कांग्रेस के पक्ष में वोट करने का बयान देते हुए सुना गया। 

बीजेपी की निर्मला सीतारमण, जग्गेश और लहर सिंह सिरोया ने कर्नाटक की चार में से तीन सीटों पर कब्जा किया। कांग्रेस के जयराम रमेश ने एकमात्र सीट जीती। 

ताज़ा ख़बरें

कांग्रेस की ओर से मंसूर अली खान भी उम्मीदवार थे लेकिन वह जीत नहीं सके। जेडीएस की ओर से कुपेंद्र रेड्डी चुनाव मैदान में थे और वह भी जीत दर्ज नहीं कर सके।

राज्य में 4 सीटों के लिए 6 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। 224 सीटों वाली कर्नाटक की विधानसभा में कांग्रेस के पास 70 विधायक हैं जबकि बीजेपी के पास 120 विधायक हैं लेकिन बीएसपी के एक विधायक और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन भी बीजेपी के साथ है और इस लिहाज से बीजेपी के पास 122 विधायक हैं। जेडीएस के पास 32 विधायक हैं। गणित के अनुसार बीजेपी 2 सीटें और कांग्रेस एक सीट आसानी से जीत सकती थी। लेकिन बीजेपी ने एक और सीट को मैनेज कर लिया। जेडीएस को कोई सीट नहीं मिली।

बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने पुष्टि की कि उनकी पार्टी ने तीन सीटें जीती हैं, जबकि एक कांग्रेस के खाते में गई। उन्होंने कहा कि निर्मला सीतारमण, सिरोया और रमेश को 46 मत मिले, जबकि जग्गेश को 44 मत मिले।

कर्नाटक से और ख़बरें

रवि ने शुक्रवार शाम संवाददाताओं से कहा, 'हम पहले से ही कर्नाटक में दो सीटें आसानी से जीत रहे थे। लेकिन हमें बोनस के रूप में एक और सीट मिली। मैं इसके लिए सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं।'

रवि ने कहा, 'अन्य पार्टियों में ऐसे लोग हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम को पसंद करते हैं और उन पर विश्वास करते हैं। उन्होंने हमारी मदद की है। मैं उन्हें भी धन्यवाद देना चाहता हूं।'

सम्बंधित खबरें
बता दें कि राज्यसभा चुनाव में राजस्थान में कांग्रेस के तीनों नेता- मुकुल वासनिक, रणदीप सुरजेवाला और प्रमोद तिवारी जीत गए हैं। कांग्रेस की ओर से ये तीन ही उम्मीदवार थे। बीजेपी की ओर से घनश्याम तिवारी और बीजेपी समर्थित सुभाष चंद्रा चुनाव मैदान में थे। घनश्याम तिवारी भी चुनाव जीत गए हैं, जबकि सुभाष चंद्रा को हार का सामना करना पड़ा। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

कर्नाटक से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें