कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र ने कहा कि उनके पिता अब अपने राजनीतिक जीवन के अंतिम चरण में हैं। उन्होंने उनके संभावित उत्तराधिकारी का नाम भी सामने रखा। क्या कर्नाटक कांग्रेस में बदलाव की आहट है?
कर्नाटक में हाल में नेतृत्व बदलाव की अटकलों के बीच सीएम सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र सिद्धारमैया ने साफ़ कह दिया है कि उनके पिता सिद्धारमैया अपने राजनीतिक जीवन के अंतिम चरण में हैं। तो सवाल है कि सिद्धारमैया के बाद उनका उत्तराधिकारी कौन होगा? क्या डीके शिवकुमार होंगे? सिद्धारमैया के बेटे ने तो कुछ और ही संकेत दिया है। यतींद्र ने सार्वजनिक रूप से लोक निर्माण विभाग मंत्री सतीश जारकीहोली को अपने पिता का संभावित उत्तराधिकारी बता दिया है। तो क्या डीके शिवकुमार की दावेदारी को अब सीधी चुनौती मिल गई है?
यतींद्र ने साफ़ तौर पर कहा है कि सिद्धारमैया जारकीहोली जैसे प्रगतिशील नेता को मार्गदर्शन देकर वे अपनी जिम्मेदारी निभा सकते हैं। यह बयान बेलगावी जिले के चिक्कोड़ी में 21 अक्टूबर को एक कार्यक्रम के दौरान दिया गया। हालाँकि, सीएम पद पर संभावित बदलाव की ख़बरों को लेकर सिद्धारमैया लगातार कहते रहे हैं कि वह अपना कार्यकाल पूरा करेंगे। तो क्या यतींद्र राज्य में पार्टी नेतृत्व के संदर्भ में जारकीहोली का नाम ले रहे हैं?
कार्यक्रम में यतींद्र सिद्धारमैया ने कन्नड़ भाषा में भाषण दिया। एचटी की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, 'मेरे पिता अब अपने राजनीतिक जीवन के अंतिम चरण में हैं, उनके राजनीतिक करियर के अंतिम पड़ाव पर हैं। ऐसे समय में हमें एक ऐसे नेता की ज़रूरत है जो तर्कसंगत और प्रगतिशील विचारधारा वाले लोगों को मार्गदर्शन दे और नेतृत्व संभाले। श्री जारकीहोली यह जिम्मेदारी निभाएंगे। मुझे विश्वास है कि वे हमें एक मॉडल के रूप में नेतृत्व प्रदान करेंगे और कांग्रेस पार्टी की विचारधारा में विश्वास रखने वाले सभी राजनेताओं व युवा नेताओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनेंगे। इसलिए, ऐसे निष्ठावान और सिद्धांतों वाले नेता को ढूंढना बहुत मुश्किल है। मैं अनुरोध करता हूं कि श्री जारकीहोली अपने काम को जारी रखें।' जारकीहोली भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे।
बाद में कर्नाटक विधानसभा के ऊपरी सदन के सदस्य यतींद्र ने पत्रकारों से बातचीत में साफ़ किया कि वर्तमान में नेतृत्व परिवर्तन की कोई चर्चा नहीं है। उन्होंने कहा, 'मैंने अपने पिता के राजनीतिक उत्तराधिकारी के बारे में नहीं बोला। मैंने केवल पार्टी की विचारधारा के नेतृत्व के बारे में बात की। न ही मैंने तत्काल नेतृत्व परिवर्तन का संकेत दिया। यह 2028 के चुनावों के संदर्भ में था।'
शिवकुमार का टिप्पणी से इनकार
उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने यतींद्र के बयान पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, 'मैं अपनी पहले की प्रतिबद्धता पर कायम हूँ कि सिद्धारमैया और मैं पार्टी के निर्देशानुसार एक साथ काम करेंगे।'
हाल ही में कांग्रेस सांसद एलआर शिवरामे गौड़ा ने कहा था कि शिवकुमार आख़िरकार मुख्यमंत्री बनेंगे, लेकिन अंतिम फैसला हाईकमान का है। उन्होंने कहा था कि शिवकुमार की कड़ी मेहनत का फल मिलेगा।
वैसे, कांग्रेस सरकार अपने पांच वर्षीय कार्यकाल के बीच में नवंबर में पहुंच रही है। नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें तब तेज हुईं जब बिहार चुनावों के बाद कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद पर बदलाव की अफवाहें उड़ीं। तीन दिन पहले यतींद्र ने टुमकुर में पत्रकारों से कहा था, 'बिहार चुनावों के बाद सीएम बदले जाने की बातें झूठी हैं। यदि कोई बदलाव होता है तो वह पार्टी हाईकमान और विधायकों का फैसला होगा। मुझे विश्वास है कि सिद्धारमैया पांच साल पूरे करेंगे।' सिद्धारमैया ने भी बार-बार कहा है, 'मैं पूरे पांच वर्षीय कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री रहूंगा।'
जारकीहोली: सिद्धारमैया कैंप का नया चेहरा
सतीश जारकीहोली लोक निर्माण विभाग मंत्री हैं। उनको सिद्धारमैया कैंप का मजबूत समर्थक माना जाता है। यतींद्र ने उन्हें एकमात्र ऐसा नेता बताया जो तर्कसंगत और प्रगतिशील गुणों से युक्त है। उन्होंने कहा, 'जारकीहोली वैज्ञानिक और प्रगतिशील मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध लोगों को नेतृत्व प्रदान करेंगे।' यह बयान उत्तराधिकार की लड़ाई में एक नया दावेदार पेश करता है, क्योंकि शिवकुमार बार-बार कहते रहे हैं कि वे शीर्ष पद के लिए जल्दबाजी में नहीं हैं।
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि यदि सिद्धारमैया कैंप जारकीहोली को आगे बढ़ाता है तो यह शिवकुमार के लिए चुनौती बनेगा। कांग्रेस हाईकमान ने इन अटकलों को खारिज किया है, लेकिन आंतरिक कलह की आशंका बनी हुई है। सिद्धारमैया ने हाल ही में विधायकों के समर्थन और हाईकमान की मंजूरी पर जोर दिया था।
उत्तराधिकार की लंबी लड़ाई
कर्नाटक कांग्रेस में नेतृत्व विवाद लंबे समय से चला आ रहा है। सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच सत्ता-साझेदारी की अफवाहें 2023 के चुनावों के बाद से हैं। हाईकमान ने सिद्धारमैया को सीएम बनाया था, लेकिन शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री बनाकर संतुलन बनाया। वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हाल ही में कहा था कि हाईकमान पार्टी को संभालने में सक्षम है। यतींद्र का बयान इस संदर्भ में सिद्धारमैया कैंप की रणनीति को दिखाता है, जो 2028 के चुनावों की तैयारी कर रहा है।
यह बयान कर्नाटक की राजनीति में नई बहस छेड़ रहा है। यदि नवंबर में कोई बदलाव होता है, तो जारकीहोली का नाम एक नया विकल्प बन सकता है। फिलहाल, सिद्धारमैया पूर्ण कार्यकाल पूरा करने पर अडिग हैं, लेकिन यतींद्र का बयान भविष्य की दिशा तय करने वाला साबित हो सकता है।