एशिया का नोबेल पुरस्कार कहे जाने वाले रेमन मैग्सेसे अवार्ड को केरल की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा ने ठुकरा दिया है। शैलजा ने निपाह और कोविड वायरस के फैलने पर केरल में शानदार काम करके दिखाया था। उनके इस काम की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तारीफ हुई थी। यही वजह है कि रेमन मैग्सेसे अवार्ड देने वाली कमेटी ने शैलजा के नाम पर विचार किया था।
पुरस्कार देने वाली कमेटी ने कहा था कि शैलजा को केरल के स्वास्थ्य मंत्री के रूप में उनके प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए 64वें मैग्सेसे पुरस्कार के लिए विचार किया गया। सीपीएम नेता के.के. शैलजा ने कहा कि मैग्सेसे पुरस्कार स्वीकार नहीं करने का फैसला पार्टी के साथ चर्चा के बाद किया गया था।
यह एक बड़ा पुरस्कार है लेकिन यह एक गैर सरकारी संगठन है और वे आमतौर पर कम्युनिस्टों के सिद्धांतों का समर्थन नहीं करते हैं।