सुप्रीम कोर्ट ने केरल की मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा है कि तोड़फोड़ और संपत्ति को नुक़सान पहुँचाना सदन में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है और इसलिए सीपीआईएम के छह सदस्यों के ख़िलाफ़ चल रहा मुक़दमा वापस नहीं लिया जा सकता है।