फ्रांसेस्का ऑर्सिनी का उर्दू- हिन्दी संबंधों और वैचारिकता पर क्या कहना है? वीजा विवाद को अलग रखकर बात सिर्फ लेखन दृष्टि और शोध वैचारिकता की। उन्हें जानना है तो उनके काम को बिना किसी पूर्वाग्रह के जानना होगा।