प्रतीकात्मक तसवीर
बिहार के दलित आंदोलन में हीरा डोम की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण एवं सराहनीय है। इस सन्दर्भ में चर्चित कथाकार मधुकर सिंह की कहानी ‘दुश्मन’ का विशेष स्थान है।
मधुकर सिंह लगातार दलितों-पिछड़ों को केंद्र बनाकर रचनाकर्म करते रहे। मधुकर सिंह के बाद मिथलेश्वर, राजेन्द्र प्रसाद, प्रेम कुमार मणि, रामधारी सिंह दिवाकर, कर्मेंदु शिशिर, रामजतन यादव सहित कई लेखकों ने अपनी रचना से दलित आंदोलन को एक आयाम देने की कोशिश की।