loader

शरद पवार क्यों नहीं लड़ेंगे लोकसभा चुनाव?

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सबसे बड़े नेता और प्रधानमंत्री के संभावित दावेदारों में से एक समझे जाने वाले शरद पवार ने घोषणा की है कि वह अगला लोकसभा चुनाव नही लड़ेंगे। पवार ने इस बात की घोषणा सोमवार को पुणे में प्रेस कांफ्रेंस में की और अजित पवार के बेटे पार्थ पवार का नाम पेश कर दिया। उन्होंने कहा कि राजनीति में अब नई पीढ़ी का दौर है और वह पार्थ को मैदान में उतारना  चाहते हैं। 
पवार ने कहा कि पार्थ को टिकट देने के लिए पार्टी के विभिन्न नेताओं की लगातार सिफ़ारिशें आ रही थीं। पिछली बार पवार ने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था और बारामती से बेटी सुप्रिया सुले को आगे बढ़ाया था। वह राज्यसभा के रास्ते संसद पंहुचे थे। उन्होंने घोषणा की थी कि वह भविष्य में चुनावी राजनीति में नहीं उतरेंगें, क्योंकि उनकी उम्र बढ़ती जा रही है। लेकिन इस बार पार्टी के बहुत से नेताओं के आग्रह पर उन्होंने माढा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की हामी भरी थी।
सम्बंधित खबरें

पवार के चुनाव नहीं लड़ने के मायने

पवार ने कहा था कि बारामती तथा माढा से ही पवार घराने के लोग चुनाव लड़ेंगें। शरद पवार के इस निर्णय से उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बिहार में लालू प्रसाद यादव या तमिलनाडु में करुणानिधि परिवार से सबक लेना चाहिए। पवार चाहते तो एक और लोकसभा अपने परिवार के लिए रख सकते थे, लेकिन उन्हें अच्छी तरह से पता है कि 23 सीटों में 4  अपने घराने के लिए आरक्षित कर लेंगें तो पार्टी के शीर्ष नेताओं के लिए ज़्यादा कुछ नहीं बचेगा। 
ऐसा नहीं है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में परिवारवाद नहीं है, लेकिन पवार ने पुरानी पीढ़ी के सभी नेताओं को कड़ा सन्देश दिया है कि अपने घर की नयी पीढ़ी को यदि विधानसभा के टिकट दिलाना चाहते हो तो खुद लोकसभा लड़ने की तैयारी करो।

इसी वजह से इस बार पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं पर दबाव है कि वे लोकसभा का चुनाव लड़ें। इसके पीछे एक कारण यह भी है कि वरिष्ठ नेताओं की लोकसभा स्तर पर पहचान का फ़ायदा पार्टी को मिलेगा। माढा लोकसभा से साल 2009 में पवार ने भारी मतों से जीत हासिल की थी। साल 2009 में पवार ने करीब सवा तीन लाख वोटों के अंतर से लोकसभा चुनाव जीता था।

सीट पर पकड़ मजबूत

साल 2014 में उन्होंने इस सीट से पार्टी के नेता विजय सिंह मोहिते पाटिल को टिकट दिया। मोदी लहर के बावजूद पाटिल इस सीट को बचाने में कामयाब रहे। उनके ख़िलाफ़ उस चुनाव में भाजपा गठबंधन के  स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के सदाभाऊ खोत मैदान में थे। राष्ट्रवादी कांग्रेस चुनाव जीत तो गयी, लेकिन अंतर मात्र 25 हजार वोटों तक सिमट कर रह गया। इस लोकसभा क्षेत्र में करमाला, माढा, सांगोले, मालशिरस,फलटण व माण विधान सभा क्षेत्र शामिल हैं। इनमें से तीन पर राष्ट्रवादी का कब्जा है, जबकि एक-एक सीट कांग्रेस, शिवसेना और शेतकरी कामगार पार्टी के पास है।
शरद पवार के चुनाव ना लड़ने की घोषणा से कई सवाल उठने लगे हैं। सबसे पहला सवाल पारिवारिक है, पार्थ पवार का चुनाव लड़ना। 
शरद पवार ने इस मामले में पहले ही स्पष्ट किया था कि पवार घराना सिर्फ़ दो सीटों पर लड़ेगा। जब पार्थ परिवार का दबाव बढ़ने लगा तो उन्होंने अपना नाम पीछे खींच लिया। दूसरा कारण उन्होंने बताया कि उन्हें देश भर में गठबंधन दलों के लिए प्रचार करना है।
यह बात सही है कि आज शरद पवार कांग्रेस प्रणित गठबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और उसकी वजह से उनकी व्यस्तता बढ़ेगी, लेकिन यह स्थिति कोई एक दिन में तो बनी नहीं है। वह पिछले कई महीनों से इस काम में लगे हुए हैं।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
संजय राय
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

चुनाव 2019 से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें