ऐसा क्यों है कि महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को महिमामंडित करने का कोई भी मौक़ा दक्षिणपंथी हिन्दुत्ववादी नहीं छोड़ते? क्या कारण है कि इन बयानों की निंदा तो होती है, लेकिन ऐसे लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है? ऐसा क्या है कि खुद बीजेपी में भी ऐसे लोगों की संख्या कम नहीं है? अब गोडसे के समर्थकों के हौसले इतने बढ़ गये हैं कि उन्होंने रविवार को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में गांधी के हत्यारे के नाम एक पुस्तकालय का उद्घाटन किया गया।