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खरगोन हिंसा: ग़लत फोटो ट्वीट कर फंसे दिग्विजय; दर्ज होगी FIR?

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह खरगोन हिंसा से जुड़ा एक ग़लत फोटो ट्वीट कर बुरी तरह फंस गए हैं। हालांकि ट्रोल होते ही उन्होंने अपने ट्विटर से फोटो हटा लिया। मगर भाजपा के नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ लामबंद हो गए हैं और फोटो पर सियासत भी शुरू कर दी है। 

दिग्विजय सिंह पर एफआईआर की मांग भी तेज हो गई है। 

बता दें, दिग्विजय सिंह ने मंगलवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे ‘एक मसजिद पर चढ़कर भगवा फहराने वाला’ फोटो ट्वीट किया था। इस फोटो में मसजिद के बाहर भगवा, लाठी और तलवारें हाथों में थामे कई महिला-पुरूष और बच्चे भी दिख रहे हैं।

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सिंह ने फोटो के साथ ट्वीट में सवाल उठाते हुए कहा था, ‘क्या तलवार-लाठी ले कर धार्मिक स्थल पर झंडा लगाना उचित है? क्या ख़रगोन प्रशासन ने हथियारों को लेकर जुलूस निकालने की इजाज़त दी थी? क्या जिन्होंने पत्थर फेंके, चाहे जिस धर्म के हों सभी के घर पर बुलडोज़र चलेगा, शिवराज जी मत भूलिए आपने निष्पक्ष होकर सरकार चलाने की शपथ ली है।’

Khargone violence on ramnavmi FIR against Digvijay singh - Satya Hindi

दिग्विजय सिंह द्वारा ट्वीट में उपयोग किए गए फोटो को भोपाल के एक पत्रकार नितिन तिवारी ने सिंह को टैग करते हुए रीट्वीट किया, ‘सर एक बार प्लीज चेक कर लीजिए, शायद - ये फोटो मध्य प्रदेश के खरगोन का नहीं, बल्कि बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर का है।’

पत्रकार नितिन तिवारी के ट्वीट के बाद दिग्विजय सिंह के ट्विटर अकांउट से खरगोन हिंसा से जुड़ा बताया गया फोटो और ट्वीट हटा लिया गया।

ट्वीट तो हट गया लेकिन बवाल खड़ा हो गया। राजनीति शुरू हो गई। सिंह जमकर ट्रोल हुए। भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने ग़लत फ़ोटो वाले ट्वीट के लिए उन्हें आड़े हाथों लिया।

मध्य प्रदेश विधानसभा के पूर्व प्रोटेम स्पीकर और भाजपा के विधायक रामेश्वर शर्मा ने दिग्विजय सिंह के ट्वीट पर तंज कसते हुए कहा, ‘यही तो मामा के बुलडोज़र की ताकत है, चला खरगोन के जिहादियों पर और दर्द सीधे आपके दिल तक पहुंच गया।’

शर्मा ने ट्वीट में आगे कहा, ‘आप (दिग्विजय सिंह जी) रात भर न सो पाये होंगे, आपका मन बड़ा व्यथित होगा इसलिए ये झूठा फोटो ले आए। निष्पक्ष तुड़ाई की जाएगी, जिस घर से पत्थर-पेट्रोल बम निकला था वह घर मिट्टी में मिला दिया जाएगा।’

ट्वीट के अलावा रामेश्वर शर्मा ने ‘सत्य हिन्दी’ से कहा, ‘दिग्विजय सिंह 10 साल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। वे कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रहे। राज्यसभा के सदस्य हैं। दीर्घ राजनैतिक अनुभव के बावजूद अपनी राजनीति चमकाने के लिए गैर-जिम्मेदाराना रवैया। ओछा व्यव्हार एवं झूठा फोटो डालकर हिंसा भड़काने का प्रयास बेहद निंदनीय है।’

Khargone violence on ramnavmi FIR against Digvijay singh - Satya Hindi

उधर, मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सैयद जाफ़र ने इस मसले पर खुलकर अथवा सीधे तौर पर तो कुछ नहीं कहा, लेकिन संकेतों में बोले, ‘कई बार सच को सच बताने के पहले भी कई बार विचार करना पड़ता है। चूंकि सांप्रदायिक हिंसा से जुड़ा मामला है, लिहाज़ा छोटा हो अथवा बड़ा नेता, बेहद नाप-तौलकर अपनी प्रतिक्रिया देना बेहतर होता है।’

पहले भी हुए थे ट्रोल

दिग्विजय सिंह पूर्व में भोपाल में निर्माणाधीन एक ब्रिज से जुड़े फोटो को लेकर भी ट्रोल हुए थे। भोपाल के सुभाष नगर क्षेत्र में निर्मित किए जा रहे (अब बनकर तैयार हो चुका है) रेलवे ओवर ब्रिज की गुणवत्ता पर उन्होंने सवाल उठाये थे। 

भोपाल के ओवर ब्रिज की बात करते हुए उन्होंने जो फोटो डाला था, वह रावलपिंडी पाकिस्तान के ब्रिज का निकला था। सिंह को ग़लत फ़ोटो वाले इस ट्वीट को लेकर भी भाजपाइयों और शहरवासियों ने जमकर ट्रोल किया था।

गृहमंत्री बोले- हो सकती है कार्रवाई 

दिग्विजय सिंह के ट्वीट के बारे में पूछे जाने पर राज्य के गृहमंत्री और सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने कहा, ‘दिग्विजय सिंह अनर्गल ट्वीट कर भ्रम फैलाते रहते हैं। मध्य प्रदेश को बदनाम करना और सांप्रदायिक तनाव फैलाना, उनकी आदत बन गया है। पहले पाकिस्तान के ब्रिज को भोपाल का ब्रिज बताया।

अब अन्य सूबे की मसजिद पर भगवा फहराने वाले फोटो को खरगोन का बताकर सांप्रदायिक हिंसा को भड़काने वाला कृत्य उन्होंने किया है। भले ही उन्होंने इस ट्वीट को अपने अकाउंट से डिलीट कर दिया, लेकिन वह लगातार वायरल हो रहा है। हम विधि विशेषज्ञों से राय ले रहे हैं। उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई हो सकती है।’ बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी इस मामले में ट्वीट किया है। 

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खरगोन में 10 वाहन फूंके गये 

उधर, खरगोन में भारी पुलिस बल की तैनाती और सख्ती के बावजूद हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। सोमवार देर रात को 10 वाहनों में आग लगा दी गई। दो इलाकों में पथराव भी हुआ। कई लोग घायल हुए। यह भी खबर है कि सांप्रदायिक तनाव के बाद सहमे हुए 100 परिवारों ने शहर से पलायन कर दिया है। 

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भोपाल में मंगलवार सुबह मिश्रा ने खरगोन हिंसा से जुड़े सवालों के जवाब में कहा, ‘हालातों को काबू में करने का कोई भी प्रयास छोड़ा नहीं जा रहा है। अब तक 92 उपद्रवियों को पकड़ा जा चुका है। चिन्हित लोगों की धरपकड़ तेजी से चल रही है। संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के अतिक्रमण तोड़े जा रहे हैं।’

अन्य सवाल के उत्तर में उन्होंने कहा, ‘मध्य प्रदेश पुलिस पूरे घटनाक्रम में आतंकी एंगल को भी खंगाल रही है। देश में प्रतिबंधित संगठन के आतंकियों को भोपाल-रतलाम सहित कई इलाकों से पकड़ा गया है। एनआईए भी जांच कर रही है। स्लीपर सेल तैयार करने की जानकारियां इनसे मिली थीं। किसी को भी बख्शा नहीं जायेगा।’

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संजीव श्रीवास्तव
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