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खरगोन हिंसा: आतंकी साजिश के एंगल से भी जांच कर रही पुलिस

रामनवमी पर खरगोन में भड़की सांप्रदायिक हिंसा, कहीं - आतंकी साजिश का हिस्सा तो नहीं? मध्य प्रदेश पुलिस, इस एंगल को भी खंगाल रही है! 

सांप्रदायिक हिंसा की जांच-पड़ताल के बीच इस महीने और अगले महीने लगातार त्योहारों के मद्देनज़र - एहितयात बरतते हुए पुलिस बल में सभी अवकाश निरस्त कर दिए गए हैं। पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश भी जारी किए हैं।

बता दें, भारत में प्रतिबंधित आतंकी संगठन, जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) के संदिग्ध आतंकियों को पिछले महीने राजधानी भोपाल में पकड़ा गया है। जेएमबी के पकड़े गये संदिग्ध आंतकियों द्वारा मध्य प्रदेश के साथ देश के कई हिस्सों में स्लीपर सेल तैयार करने के प्रमाण पुलिस को मिले हैं। पकड़े गये संदिग्ध आतंकी फिलहाल जेल में हैं। 

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पिछले सप्ताह एनआईए की टीम भोपाल आयी थी। एनआईए ने जेएमबी से जुड़े तारों को खंगाला था। मध्य प्रदेश पुलिस ने तमाम जानकारी और प्रमाण एनआईए से साझा किए हैं।

खरगोन और बड़वानी जिलों के साथ ही देश के कई हिस्सों में रामनवमी पर एक साथ हुई सांप्रदायिक हिंसा की वारदातों के बाद राज्य पुलिस ज्यादा चौकन्ना हुई है।

खरगोन-बड़वानी की घटनाओं को लेकर पुलिस जेएमबी और सिमी एंगलों को भी खंगाल रही है। पुलिस सूत्रों का दावा है कि खरगोन में जिस सुनियोजित तरीके से पूरा घटनाक्रम हुआ है, वह संकेत दे रहा है कि यह सब ‘अचानक’ नहीं हुआ है।

Khargone violence on ramnavmi MP police probe - Satya Hindi

दअरसल, पुलिस को खरगोन में वारदात वाले क्षेत्रों में समुदाय विशेष के लोगों के घर और संस्थानों से असलहा मिला है। पत्थरबाजी करने वालों ने अपने घरों की छतों पर पहले से ही पत्थर जमा किए हुए थे।

उपयोग न हो पाने वाले पेट्रोल बम और अन्य हथियार भी काफी संख्या में पुलिस को मिले हैं। समुदाय विशेष के लोगों ने एक ही समय पर अपनी दुकानें और कामकाज बंद कर दिए थे, ऐसे भी प्रमाण जांच दलों को मिल गए हैं।

हिंसा की वारदातों में अनेक लोग घायल हुए हैं। खरगोन के एसपी को भी पैर में गोली लगी थी। उनके पैर का ऑपरेशन किया गया है। अनेक घायलों में एक युवक की हालत नाज़ुक बनी हुई है। 

खरगोन में मस्जिद के पास से गुजरते रामनवमी के जुलूस में बजाये जा रहे डीजे को लेकर शुरू हुआ विवाद, बड़ी हिंसात्मक घटना में बदल गया था। पत्थरबाज़ी, पेट्रोल बम, गोली चलाने के साथ शहर के कई हिस्सों में वारदातें हुईं। दोपहर से आरंभ हुआ सिलसिला देर शाम तक चला था। 

उपद्रवियों को काबू में करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने के साथ लाठीचार्ज करना पड़ा था। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए कई राउंड हवाई फायर भी किए गए थे।

उपद्रव नहीं थमने पर शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था। लेकिन इसके बाद भी आधी रात से लेकर सोमवार तड़के तक कई क्षेत्रों में आगजनी, लूटपाट, मारपीट और हिंसा की घटनाएं हुईं थीं।

इंदौर से पुलिस बल बुलाया गया था। इंदौर संभाग के आयुक्त और पुलिस कमिश्नर भी खरगोन पहुंच गए थे। भारी संख्या में पुलिस बल भी पहुंचा था। हिंसा की वारदात को अंजाम देने वालों की पहचान की गई थी। 

इंदौर कमिश्नर पवन शर्मा ने सोमवार को मीडिया को बताया था कि 84 उपद्रवियों की पहचान कर ली गई है। इनमें से 77 को रविवार रात को ही पकड़ लिया गया था, जबकि सात को सोमवार को पकड़ा गया था।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को अपनी प्रतिक्रिया में कहा था, ‘उपद्रव करने वालों को बख्शा नहीं जायेगा। निजी और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बनाये गये कानून के तहत वसूली की जायेगी।’

सीएम ने दो टूक यह भी कहा था, ‘सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों को ऐसी सजा दी जायेगी जो मिसाल बनेगी।’

पूरे दिन चला मामा का बुलडोज़र

मुख्यमंत्री की घोषणा के तुरंत बाद खरगोन में उपद्रवियों के अतिक्रमण ढहाने का सिलसिला आरंभ हो गया था। हिंसा फैलाने वाली बस्तियों में बुलडोज़र पहुंचे थे। ये बुलडोज़र उपद्रव के लिए चिन्हित किए गए आरोपियों के अतिक्रमणों पर जमकर चले।

प्रशासन ने आरोपियों के मकानों और दुकानों को तोड़ने की कार्रवाई की। छोटी मोहन टॉकीज इलाके में 4 मकान और 3 दुकान, खसखसवाड़ी में 12 मकान और 10 दुकान, गणेश मंदिर के पास 1 दुकान, औरंगपुरा में 3 दुकान और तालाब चौक में 12 दुकानों को बुलडोज़रों ने तहस-नहस कर दिया।

Khargone violence on ramnavmi MP police probe - Satya Hindi

सोमवार रात भी हुई हिंसा की घटनाएं

सोमवार को भारी पुलिस बल की मौजूदगी और कर्फ़्यू के दौरान दिन भर तो हालात काबू में बने रहे। कोई अप्रिय वारदात नहीं हुई। मगर रात 11 बजे रहीमपुर इलाके में दो संप्रदाय के लोगों में पत्थरबाज़ी की घटना ने पूरे दिन की पुलिस और प्रशासन की मेहनत पर पानी फेर दिया।

रहीमपुर में पत्थरबाज़ी और टकराव की सूचना के अलावा खंडवा रोड पर दो बसों में उपद्रवियों द्वारा आग लगा दिए जाने की सूचना भी आयी। 

दोनों घटनाओं के बाद पुलिस मुख्यालय का कंट्रोल रूम और पूरे घटनाक्रम को अतिशीघ्र काबू में लाने के प्रयासों में जुटे आला अफसर भी सकते में आ गए।

3 दिन तक कर्फ्यू के आदेश

हिंसा और तनाव के मद्देनजर खरगोन शहर में आयोजित होने वाली 8वीं कक्षा और कॉलेज की परीक्षाएं स्थगित कर दी गई। कलेक्टर ने कहा, ‘हालात सामान्य होने पर छूटे पेपर की परीक्षाएं ली जाएंगी।’

जिला प्रशासन ने शहर में 3 दिन के कर्फ्यू के आदेश जारी किए हैं। बिना अनुमति के कोई भी कार्यक्रम नहीं होने देने संबंधी आदेश भी जारी किया गया है। 

प्रशासन ने कहा है, ‘अगर कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया में आपत्तिजनक फोटो, वीडियो, प्रतिक्रिया या अफवाह फैलाने जैसी गतिविधियां पोस्ट करता है तो एडमिन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।’

3 कर्मचारी बर्खास्त, 1 निलंबित

प्रशासन ने घटना के बाद अफवाह फैलाने वाले नगर पालिका के 3 वेतनभोगी और 1 स्थायी कर्मचारी अकबर रफीक कामगार को निलंबित कर दिया है। तीन वेतनभोगियों में चिराग इदरीस, मासूम कला और इज्राहीद राऊल को बर्खास्त किया गया है। 

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‘पत्थर का ढेर बनाया’

खरगोन घटनाक्रम पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सोमवार सुबह अपनी प्रतिक्रिया में कहा था, ‘जिन घरों से पथराव हुआ है, उन्हें ही पत्थर का ढेर बनाएंगे।’

गृहमंत्री की ‘मंशा’ के अनुसार खरगोन प्रशासन ने अपना काम किया। ज्यादातर उपद्रवियों के घरों और संस्थानों को बुलडोज़रों ने पत्थर के बड़े-बड़े ढेरों में बदल दिया।

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संजीव श्रीवास्तव
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