एमपी के मंत्री विजय शाह पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को स्थिति साफ कर देगा कि वो गिरफ्तार होंगे या नहीं। अगर गिरफ्तार हुए तो बीजेपी क्या जवाब देगी। बीजेपी का अभी तक शाह पर कार्रवाई न करना क्या बताता है। वो तीसरे मंत्री होंगे जो गिरफ्तार हो सकते हैं।
कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ बेहद घटिया एवं अपमानजनक टिप्पणियां करने के आरोप में मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार में मंत्री विजय शाह का जेल जाना सुनिश्चित हो गया है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर एफआईआर के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे शाह को फटकार का सामना करना पड़ा है। इधर एफआईआर को लेकर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य पुलिस को जबरदस्त फटकार लगाई है और पूरी जांच अपनी निगरानी में कराने का नया आदेश पारित कर दिया है। फिलहाल विजय शाह को मंत्री पद से हटाने का फैसला अभी तक बीजेपी की सरकार ले नहीं पायी है। लेकिन शुक्रवार को अगर सुप्रीम कोर्ट ने राहत नहीं दी तो उनकी गिरफ्तारी मुमकिन है। ऐसे में बीजेपी जनता को क्या जवाब देगी।
विजय शाह, मध्य प्रदेश सरकार में जनजातीय कार्य, लोक परिसंपत्ति प्रबंधन एवं भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग के मंत्री है।
मप्र हाईकोर्ट के आदेश के बाद बीती रात इंदौर के मानपुरा थाना में विजय शाह के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 152, 196(1)(बी) और 197(1)(सी) के तहत अपराध दर्ज किया गया है।
धारा 512 - भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालना। विद्रोह, अलगाव और सशस्त्र बगावत को उकसाना या बढ़ावा देना।सजा - दोष सिद्ध होने पर उम्रकैद या 7 वर्ष के कारावास की सजा या जुर्माना, अथवा दोनों हो सकते हैं। गैर जमानती है।
धारा 196(1)(बी) - शत्रुता को बढ़ावा देने वाले, सार्वजनिक शांति को बाधित करने वाले और किसी समूह के खिलाफ हिंसा को भड़काने वाले कार्य शामिल हैं।
सजा - दोष सिद्ध होने पर तीन साल तक का कारावास या जुर्माना, अथवा दोनों हो सकते हैं। गैर जमानती हैं।
धारा 197(1)(बी) - किसी विशेष वर्ग के लोगों के बीच नफरत पैदा करने के इरादे से अपील या सलाह देने पर दंडित करती है।
सजा - दोष सिद्ध होने पर 3 साल की सजा या जुर्माना, अथवा दोनों हो सकते हैं। गैर जमानती हैं।
मुकदमा कायम होने के पहले, कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकवादियों की बहन निरूपित करने सहित बेहूदा-अपमानजनक टिप्पणियों को लेकर विजय शाह मध्य प्रदेश सहित पूरे देश में लगातार ट्रोल हो रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी टीम तथा समूची भाजपा को भी विजय शाह की बेहूदगी की वजह से शर्मसार होना पड़ रहा है।
विजय शाह एपीसोड सामने आने के बाद, बीते दो दिनों से कांग्रेस और कई एक्टिविस्ट विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश में जुटे थे। कोशिश सफल नहीं हो पा रही थी।
बुधवार को मप्र कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भोपाल के श्यामला पुलिस स्टेशन में पहुंचकर एक एफआईआर लिखवाई थी। रिसिव्ड भी थाने से लेकर आए थे। मीडिया को दी गई थी। हालांकि इसमें वो धाराएं नहीं थीं, जो मानपुर पुलिस ने विजय शाह पर लगाई है।
यह मानकर चला जा रहा है, विजय शाह की इस्तीफा या मंत्री पद से बर्खास्तगी होगी। यह कब होगा? सबकी नजर है। आलाकमान का फैसला कब आयेगा। पार्टी पहले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के इंतजार के मूड में थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार और फिर मप्र हाईकोर्ट के ताजा रूख के बाद संभावनाएं बन रहीं हैं, विजय शाह से इस्तीफा लेने या बर्खास्त करने का निर्णय पहले भी हो सकता है। पुलिस उन्हें मंत्री पद पर रहते अरेस्ट करे, इसकी संभावनाएं अब कम होती बतायी जा रही हैं।
शिवराज सिंह सरकार में मध्य प्रदेश के दो मंत्रियों की गिरफ्तारियां हुईं थीं। बहुचर्चित एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गूंजे व्यापमं घोटाले में तत्कालीन तकनीकी शिक्षा (कई विभाग थेे) मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को अरेस्ट किया गया था। लक्ष्मीकांत शर्मा ने एक मौके पर कहा था, ‘उन्होंने मुंह खोल दिया तो कई बड़े चेहरे बेनकाब हो जायेंगे।’ वे लंबे वक्त तक जेल में रहे थे। जमानत मिल गई थी। केस चलते रहा था। कोविडकाल में कोविड से उनकी मृत्यु हो गई थी।
शिवराज सिंह चौहान को अर्श से फर्श पर पहुंचाने वाले भाजपा के बड़े नेता, संघ के प्रिय पात्र और शिवराज सरकार में वित्तमंत्री पद पर रहते हुए राघवजी भाई की गिरफ्तारी हुई थी। भोपाल के प्रभारी मंत्री रहते जिस हबीबगंज थाने के नये भवन का फीता उन्होंने काटा था, उसी थाने की पुलिस ने राघवजी भाई को अरेस्ट किया था। साल 2013 का मामला था। राघवजी भाई तब 79 साल के थे।
उन पर अपने एक निजी कर्मचारी के साथ अप्राकृतिक कृत्य सहित कई धाराओं में मामला दर्ज हुआ था। अप्राकृतिक कृत्य का वीडियो पहले वायरल हुआ था। हंगामा मचा था। राघवजी भाई वीडियो को फेब्रिकेट बताते रहे थे। बाद में उनकी गिरफ्तारी हुई थी। मुकदमा चला था। साल 2023 में राघवजी भाई को एमपी हाईकोर्ट ने बरी कर दिया था। कोर्ट ने सबूतों के आधार पर यह माना था कि सहमति से संबंध ने हैं। हालांकि पीड़ित बोला था, सुप्रीम कोर्ट जाऊंगा। पीड़ित गया अथवा नहीं? अब तक संज्ञान में नहीं आ पाया है।
इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने विजय शाह के बयान को शर्मनाक करार देते हुए, इस्तीफा मांगा है. उन्होंने कहा है, इस्तीफा न दें तो उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया जाए।