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एमपी: भगोरिया मेले में युवतियों से छेड़छाड़ का एक और वीडियो वायरल

मध्य प्रदेश के विश्वस्तरीय पहचान वाले भगोरिया मेले में आदिवासी युवतियों के साथ छेड़छाड़, अश्लीलता एवं मारपीट का एक और वीडियो वायरल हुआ है। दो दिन पहले इसी तरह का अन्य शर्मनाक वीडियो वायरल हुआ था। पुलिस ने 15 युवकों को गिरफ्तार किया था, चार पर रासुका लगाई गई है।

मध्य प्रदेश के झाबुआ और अलीराजपुर ज़िलों में होली के ठीक पहले भगोरिया उत्सव मनाया जाता है। दोनों जिलों के अलग-अलग कस्बों में सात दिनों तक मेले लगते हैं। मेले में आदिवासी युवक-युवतियों के रिश्ते तय होते हैं। युवक और युवतियाँ अपनी पसंद का जीवन साथी चुनते हैं। बाद में परिजन विधिवत इनका विवाह कराते हैं। इस पारंपरिक मेले में आदिवासी अपने इष्टदेव की पूजा-अर्चना के अलावा नाच-गाना और मौज-मस्ती करते हैं। मेले को देखने के लिए प्रदेश और देश के अलावा अन्य देशों के पर्यटक भी पहुँचते हैं।

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भगोरिया मेले की परंपरा और मर्यादाओं को इस बार कुछ मनचलों ने तार-तार किया है। दो दिन पहले अलीराजपुर जिले के वालपुर मेले का वीडियो वायरल हुआ था। वायरल वीडियो में दिखा था कि मनचले युवकों की टोली आदिवासी युवतियों से सरेराह छेड़छाड़ और हमले कर रही थी। घटनाक्रम के दौरान भीड़ मूक दर्शक बनी रही थी और वीडियो बनाती रही थी। 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी सपत्नीक मंगलवार को मेले में पहुंचे थे। उनके पहुंचने के ठीक पहले वायरल हुए वीडियो ने पुलिस महकमे की नींद उड़ा दी थी। इस वायरल वीडियो पर पुलिस ने आनन-फानन में कार्रवाई की। वायरल वीडियो वालपुर भगोरिया का होना पाया गया था। घटनाक्रम को 11 मार्च को अंजाम दिया गया था। 

झाबुआ/अलीराजपुर जिले से लगे धार जिले के मनावर से मेले में पहुंचे 12 युवकों तथा तीन स्थानीय मनचलों के साथ कुल 15 आरोपियों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था।

अलीराजपुर जिले के एसपी मनोज कुमार सिंह ने घटना को बेहद शर्मनाक मानते हुए कहा था, ‘पुलिस ने तत्परता के साथ आरोपियों को पकड़ा है।’ उन्होंने मेले में मौजूद 25 हजार के करीब की भीड़ में आरोपियों को तलाशने को ‘भूँसे में सुई ढूंढ लेना’ करार दिया था।

पुलिस ने पकड़े गये आरोपियों का जुलूस निकाला था। आरोपियों से सार्वजनिक तौर पर कहलवाया गया था कि वे इस मेले में आगे से कभी नहीं आयेंगे। पुलिस ने भारतीय दंड विधान की धारा 354, 354ए और 34ए सहित अन्य धाराओं में सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। चार आरोपियों के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई भी की गई थी। फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामला ले जाने की बात भी पुलिस ने कही थी। 

मेले में पहुँचे मुख्यमंत्री

मंगलवार को सीएम झाबुआ पहुंचे थे। उनके साथ पत्नी साधना सिंह भी झाबुआ आयीं थीं। आदिवासियों की पारंपरिक वेशभूषा धारण कर दोनों ने ट्राइबल वाद्य यंत्रों पर डांस किया था। 

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सीएम के दौरे के बाद जिला और पुलिस प्रशासन चैन की सांस ले पाता इसके पहले मेघनगर भगोरिया मेले से युवतियों के साथ अभद्रता और मारपीट का दूसरा वीडियो बुधवार को सामने आ गया।

इस नये वीडियो में मनचले युवकों की टोली युवतियों से मारपीट करते दिखलाई पड़ रही है। आरोप है कि युवकों ने मेले में पहुंची आदिवासी युवतियों से छेड़छाड़ की। विरोध करने पर वे मारपीट पर आमादा हो गए। विरोध के बीच युवकों के हाथों पिटी कई युवतियाँ वायरल हुए वीडियो में फूट-फूटकर रोती हुई भी नज़र आ रही हैं। पहले वीडियो की तरह ही तमाशबीनों की भीड़ इस घटनाक्रम के दौरान जुटी रही। युवतियों को बचाने के लिए कोई आगे नहीं आया। भीड़ में शामिल लोग वीडियो बनाते रहे। 

इस नये वीडियो के बाद पुलिस ने सात आरोपियों को पकड़ा है। इनके पुराने आपराधिक रिकॉर्ड को भी पुलिस खंगाल रही है। आरोपियों पर पास्को एक्ट सहित कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

‘इस तरह के वृतांत पहले कभी नहीं हुए’

यूरोपियन फोटो एजेंसी (ईपीए) के मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के फोटो जर्नलिस्ट संजीव गुप्ता ने ‘सत्य हिन्दी’ से कहा, ‘वे भगोरिया मेले को वर्षों से कवर कर रहे हैं। …चार दशक के पत्रकारिता जीवन में पहले ऐसा कभी नहीं हुआ जो इस बार हुआ है। मर्यादाओं को तोड़ने की इस बार जैसी घटना पहले कभी हुई हो, उन्हें स्मरण नहीं है।’

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मेले की अनूठी परंपरा

भगोरिया मेले में युवक-युवतियाँ अपने जीवनसाथी को भी ढूंढने आते हैं। एक-दूसरे को पसंद हैं या नहीं, इसका तरीका भी बहुत निराला है। अगर किसी लड़के को कोई लड़की पसंद आ जाए तो वह उसे पान खाने के लिए देता है। अगर लड़की पान खा लेती है तो इसे उसकी हां समझी जाती है। इसके बाद लड़का भगोरिया मेले से लड़की को लेकर निकल जाता है और दोनों शादी कर लेते हैं।

इसके साथ ही भगोरिया मेले को लेकर एक और कहानी प्रचलित है। अगर लड़का और लड़की एक-दूसरे के गाल गुलाबी रंग लगा दें तो इसे भी प्यार का इजहार समझा जाता है। हालाँकि बदलते वक्त के साथ भगोरिया मेले का रिवाज भी बदल रहा है। अब मेले पर आधुनिकता ज्यादा हावी हो रही है।

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संजीव श्रीवास्तव
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