मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए सचमुच 2018 के चुनावों की ही तरह एक गंभीर चुनौती हैं, इस बात का प्रमाण भाजपा द्वारा जारी प्रत्याशियों की दूसरी सूची से प्रमाणित हो गयी है। एक तो भाजपा नेतृत्व को दूसरी सूची जारी करने में पूरे दो महीने लग गए और जब सूची आयी भी तो उसने किसी को चौंकाया नहीं क्योंकि सबको पता था कि भाजपा इस बार चुनावी मैदान मारने के लिए अपने तमाम वर्तमान सांसदों को भी मैदान में उतारेगी। इस बात में चौंकाने वाली बाते सिर्फ इतनी है कि भाजपा को अपने अनेक केंद्रीय मंत्री तक दांव पर लगाना पड़े हैं।
एमपी विधानसभा चुनावः सप्तऋषियों को दांव पर लगाने की विवशता
- मध्य प्रदेश
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- 29 Mar, 2025
मध्य प्रदेश पर सभी की नजरें हैं। विधानसभा चुनाव को लेकर अभी तक भाजपा ने जितने कदम उठाए, वो बताते हैं कि पार्टी विचलित है। सांसदों को चुनाव मैदान में उतारना भाजपा नेतृत्व की विवशता कही जा सकती है। राकेश अचल का विश्लेषण पढ़िएः
