मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए सचमुच 2018 के चुनावों की ही तरह एक गंभीर चुनौती हैं, इस बात का प्रमाण भाजपा द्वारा जारी प्रत्याशियों की दूसरी सूची से प्रमाणित हो गयी है। एक तो भाजपा नेतृत्व को दूसरी सूची जारी करने में पूरे दो महीने लग गए और जब सूची आयी भी तो उसने किसी को चौंकाया नहीं क्योंकि सबको पता था कि भाजपा इस बार चुनावी मैदान मारने के लिए अपने तमाम वर्तमान सांसदों को भी मैदान में उतारेगी। इस बात में चौंकाने वाली बाते सिर्फ इतनी है कि भाजपा को अपने अनेक केंद्रीय मंत्री तक दांव पर लगाना पड़े हैं।