मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के इंदौर स्थित आवास पर पांच से अधिक नकाबपोश बदमाशों ने सेंधमारी की कोशिश की। बदमाशों ने बिजली काटकर सीसीटीवी कैमरों को बंद कर दिया, कार्यालय क्षेत्र में ताले तोड़े और पूरे परिसर में तोड़फोड़ की। हालाँकि, उन्होंने क़ीमती सामान और मोबाइल फोन छोड़ दिए, जिससे यह संदेह गहरा गया है कि यह सामान्य चोरी से कहीं अधिक गंभीर साजिश हो सकती है। इस घटना ने मध्य प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं, खासकर तब जब मुख्यमंत्री मोहन यादव स्वयं इंदौर जिले के प्रभारी मंत्री हैं।

घटना इंदौर के राजेंद्र नगर क्षेत्र में बिजलपुर मोहल्ले में शुक्रवार-शनिवार की रात करीब 2 बजे शुरू हुई। रिपोर्टों में पुलिस के हवाले से कहा गया है कि पांच से सात नकाबपोश बदमाशों ने पहले जीतू पटवारी के घर की बिजली सप्लाई काटी, जिससे सीसीटीवी कैमरे बंद हो गए। इसके बाद वे घर के कार्यालय वाले हिस्से में घुसे, जहां उन्होंने तोड़फोड़ की। बदमाशों ने लगभग ढाई घंटे तक इलाके में आतंक मचाया और सुबह 4:30 बजे के आसपास फरार हो गए।
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पुलिस का शुरुआती अनुमान है कि यह स्थानीय 'बैंक टांडा गिरोह' का काम हो सकता है, जो इंदौर के राजेंद्र नगर, तेजाजी नगर और राऊ क्षेत्रों में चोरी की वारदातों के लिए कुख्यात है। हालाँकि, आश्चर्यजनक रूप से बदमाशों ने मोबाइल फोन और अन्य कीमती सामान नहीं चुराया। इससे इस घटना के पीछे के मक़सद पर सवाल उठ रहे हैं।

पड़ोस के घर भी निशाने पर

जीतू पटवारी का घर इस हमले का एकमात्र निशाना नहीं था। बदमाशों ने पड़ोस के तीन अन्य घरों को भी निशाना बनाया, जिनमें नगर पंचायत के मुख्य नगर अधिकारी यानी सीएमओ राजकुमार ठाकुर, मध्य प्रदेश विद्युत मंडल यानी एमपीईबी के अधिकारी नरेंद्र दुबे और पुनासा में आर्य परिवार के घर शामिल हैं। इन घरों की खिड़कियों के जाल काटने की कोशिश की गई, लेकिन यह साफ़ नहीं है कि वहाँ से कुछ चुराया गया या नहीं। पड़ोसियों के घरों में लगे सीसीटीवी कैमरों में बदमाशों की गतिविधियां दर्ज हुईं, जो पुलिस जांच में महत्वपूर्ण साबित हो सकती हैं।

कांग्रेस: 'कानून-व्यवस्था ध्वस्त'

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने इस घटना को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा करते हुए कड़ा रुख अपनाया। पार्टी ने अपने बयान में कहा, 'शुक्रवार देर रात मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री जीतू पटवारी जी के इंदौर स्थित आवास पर पांच से अधिक नकाबपोश बदमाशों ने चोरी का प्रयास किया। इन बदमाशों ने पटवारी जी के पूरे कार्यालय में तोड़फोड़ की।' कांग्रेस ने मुख्यमंत्री मोहन यादव पर निशाना साधते हुए कहा, 'मुख्यमंत्री और गृह मंत्री स्वयं इंदौर के प्रभारी हैं, फिर भी कानून-व्यवस्था की स्थिति लगातार बिगड़ रही है।'
पार्टी ने यह भी दावा किया कि यह जीतू पटवारी के खिलाफ पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी उनके काफिले पर रतलाम में धाकड़ समुदाय के सदस्यों द्वारा हमला किया गया था, जिन्होंने उन पर समुदाय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी का आरोप लगाया था। कांग्रेस ने कहा, 'पांच बार पहले भी पीसीसी प्रमुख पर हमले और दुर्घटनाओं की चिंताजनक घटनाएँ हो चुकी हैं। हम लगातार जीतू पटवारी जी की सुरक्षा की मांग करते रहे हैं, लेकिन भाजपा सरकार उदासीन बनी हुई है।'

कांग्रेस ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को टैग करते हुए तत्काल सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। शहरुख खान नाम के एक यूज़र ने एक्स पर लिखा, 'जब विपक्ष के तेज-तर्रार नेता जीतू पटवारी जी ही सुरक्षित नहीं, तो प्रदेश की जनता का क्या हाल होगा?'

सीसीटीवी फुटेज

इंदौर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। हालांकि, पटवारी के घर के सीसीटीवी कैमरे बिजली कटने के कारण कुछ भी रिकॉर्ड नहीं कर पाए, लेकिन पड़ोसियों के घरों में लगे कैमरों में बदमाशों की धुंधली तस्वीरें कैद हुईं। ये फुटेज पुलिस को बदमाशों की पहचान करने में मदद कर सकती हैं। पुलिस ने कहा कि बदमाशों ने सुनियोजित तरीके से वारदात को अंजाम दिया, जिससे यह संदेह और गहरा गया है कि उनका मकसद केवल चोरी नहीं था।
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रिपोर्टों में पुलिस सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि बदमाशों ने बिजलपुर क्षेत्र में करीब ढाई घंटे तक घूमने के बाद आसपास के घरों को भी निशाना बनाया। जांच में यह भी देखा जा रहा है कि क्या यह किसी बड़ी साजिश का हिस्सा था, खासकर क्योंकि जीतू पटवारी एक प्रमुख विपक्षी नेता हैं।

जाँच कहाँ पहुँची

पुलिस ने कहा कि वह सभी संभावनाओं की जांच कर रही है, जिसमें यह भी शामिल है कि क्या यह घटना केवल चोरी थी या इसके पीछे कोई गहरी साजिश थी। स्थानीय निवासियों में दहशत का माहौल है, और कई लोग इलाके में सुरक्षा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।

कांग्रेस ने इस घटना को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने का फैसला किया है। पार्टी ने मांग की है कि जीतू पटवारी को तत्काल सुरक्षा दी जाए और मामले की निष्पक्ष जांच हो। दूसरी ओर, बीजेपी सरकार ने कहा कि वह कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर है और दोषियों को जल्द पकड़ा जाएगा। यह घटना मध्य प्रदेश की राजनीति में एक नया तनाव पैदा कर सकती है, खासकर तब जब विपक्ष पहले से ही सरकार पर हमलावर है।