क्या किसी ख़ास मुद्दों पर किताबें पढ़ना या रखना किसी अपराध का सबूत हो सकता है? मध्य प्रदेश पुलिस ने एक एक्टिविस्ट के ख़िलाफ़ दायर चार्जशीट में फासीवाद पर एक हिंदी किताब और कम्युनिस्ट आंदोलन पर किताब को सबूत के रूप में शामिल किया है। आरोपी एक्टिविस्ट सौरव बनर्जी 'हाउ वी ऑट टू लिव' यानी HOWL के सह-संस्थापक हैं। उन पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है।
एमपी: एक्टिविस्ट के खिलाफ चार्जशीट में कम्युनिज्म, फासीवाद पर किताबों को सबूत बताया
- मध्य प्रदेश
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- 23 Oct, 2025
एमपी पुलिस ने एक एक्टिविस्ट के खिलाफ चार्जशीट में कम्युनिज्म और फासीवाद पर लिखी किताबों को सबूत बताया है। क्या विचारधारा पर आधारित किताबें रखना अब अपराध माना जाएगा? अभिव्यक्ति की आज़ादी पर उठे गंभीर सवाल।

HOWL एक्टिविस्ट
सौरव बनर्जी को जुलाई में धर्मांतरण की अफवाहों के बाद दक्षिणपंथी भीड़ द्वारा कथित रूप से पीटा गया था। मई में HOWL संगठन पर 'हिंदू-विरोधी गतिविधियों' का आरोप लगाया गया था। 24 जुलाई को HOWL ने इंदौर प्रेस क्लब में आरोपों का खंडन करने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। इस आयोजन को कथित रूप से स्थानीय दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा बाधित कर दिया गया। बनर्जी को आयोजन स्थल के अंदर पीटा गया, जबकि अन्य सदस्य भाग निकले। 26 जुलाई को उनके खिलाफ एफ़आईआर दर्ज की गई।