loader

मप्र: पेट्रोल-डीजल के संकट को लेकर कठघरे में रिलायंस ग्रुप!

मध्य प्रदेश में पेट्रोल एवं डीजल की आपूर्ति को लेकर गुरूवार को हालात और बिगड़ गये। मांग और आपूर्ति में भारी अंतर की वजह से 25 प्रतिशत पंप सूख गये हैं। बचे हुए पंपों में दो-तीन दिन का स्टॉक बचा हुआ है। आरोप लगाया गया है कि रिलायंस ग्रुप के हाथ खींच लेने से हालात बदतर हुए हैं।

मध्य प्रदेश में 4 हजार 900 पेट्रोल पंप हैं। आपूर्ति नहीं होने से 1100 में ताले लटकाने पड़े हैं। सबसे ज्यादा कठिनाई ग्रामीण और सूबे के दूरदराज क्षेत्रों में आ रही है। 

राज्य में पंचायत और नगरीय निकाय के चुनाव चल रहे हैं। खेती-किसानी का भी वक्त है। ऐसे में आपूर्ति ठप होने से कई शहरों और दूरदराज के क्षेत्रों में हाहाकारी हालात बन गये हैं। 

ताज़ा ख़बरें

राज्य में पेट्रोल और डीजल की मांग के बड़े हिस्से की आपूर्ति इंडियन ऑयल कंपनी करती है। इस सरकारी कंपनी के अलावा सार्वजनिक क्षेत्र वाले हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) का भी महत्वपूर्ण रोल होता है। निजी क्षेत्र में रिलायंस और नायरा प्लेयर हैं। 

भोपाल और इसके आसपास पेट्रोल एवं डीजल की आपूर्ति में रिलायंस का अहम रोल होता है। दरअसल भोपाल में रिलायंस का डिपो है। रिलायंस हर दिन 450 के लगभग टैंकरों को फिल करने का काम करता है।

“तेल का खेल”

केन्द्र सरकार ने जबसे पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम की है तब से ही देश के अनेक हिस्सों से पेट्रोल एवं डीजल के संकट की खबरें आ रही हैं। आरोप है कि “तेल का खेल” करने वाले प्राइवेट प्लेयरों ने वक्त रहते रूस से 70 रुपये डालर प्रति बैरल में जमकर क्रूड ऑयल खरीदा और इसे रिफाइन कर स्टॉक कर लिया। 

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में दाम उछले, मांग बढ़ी तो 140 डालर प्रति बैरल और इससे ज्यादा कीमतों पर माल खपाकर जमकर चांदी काटी। केन्द्र की सरकार इस तरह के कारोबार पर शिकंजा कस चुकी है। इस बात का और एक्साइज ड्यूटी घटाने का विरोध भी हुआ था। 

petrol and diesel shortage in Madhya pradesh  - Satya Hindi

बहरहाल, मध्य प्रदेश में पेट्रोल और डीजल के संकट को लेकर पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन एमपी के अध्यक्ष अजय सिंह ने गत दिवस राज्य के मुख्य सचिव को एक पत्र लिखा है। सिंह ने अपने पत्र में कहा है, ‘तेल कंपनियां एक्ससाइज ड्यूटी में कमी से हो रहे घाटे की वजह से मांग के अनुसार पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति नहीं कर रही हैं। धान और सोयाबीन की बोनी के चलते डीजल की खपत 3 से 4 गुना बढ़ गई है। तेल कंपनियों का यही रवैया रहा तो एमपी में डीजल-पेट्रोल की सप्लाई बाधित हो जायेगी।’

सिंह ने ‘सत्य हिन्दी’ को बताया राज्य में कुल मांग की 60 प्रतिशत आपूर्ति इंडियन ऑयल करता है। इंडियन ऑयल निर्बाध तरीके से अपना काम कर रहा है। एचपीसीएल के भी प्रयास जारी हैं। बीपीसीएल 150 टैंकर रोज भरता था लेकिन आज की तारीख में वह 25-30 टैंकर प्रतिदिन ही दे पा रहा है। 

सिंह के मुताबिक रिलायंस से हर दिन 450 टैंकर फिल होते थे। मगर आज यह आंकड़ा 200 के आसपास ही रह गया है। रिलायंस ने डिपो से तेल देने के समय को सुबह 7 से शाम 7 की जगह सुबह 8 से शाम 5 बजे तक कर दिया है। गुरूवार को रिलायंस का काम पूरी तरह से बंद रहा।

नायरा (नेफ्ट) कंपनी भी मांग की आपूर्ति नहीं कर पा रही है।

बढ़ रही किल्लत 

उधर, राज्य के दूरदराज के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा नेशनल हाइवे पर भी पेट्रोल-डीजल की किल्लत से जुड़ी खबरें बढ़ती जा रही हैं। प्रदेश के राष्ट्रीय राजमार्गों पर अनेक जगह ईंधन के अभाव में ट्रक, ट्राले और अन्य कॉमर्शियल वाहनों के पहिये थम गये हैं। 

राज्य और केन्द्र की सरकार ने जल्दी सख्ती नहीं दिखाई तो हालात बेकाबू हो जायेंगे।


अजय सिंह, पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष।

सिंह ने कहा, ‘पांच-दस लीटर अथवा इससे नीचे की मांग वाला पेट्रोल उपभोक्ता पंप दर पंप भटकने के बाद अपनी मांग से कहीं ज्यादा तादाद में ईंधन ले रहा है। ऐसे ही डीजल की भी मांग बढ़ी हुई है। दर-दर भटकने वाले ग्राहक अपनी मांग से कहीं ज्यादा मात्रा में डीजल वाहनों में डलवा रहे हैं। किसान भी मांग के मद्देनज़र स्टॉक करके रख रहे हैं। 
अजय सिंह ने बताया कि मध्य प्रदेश के प्राइवेट प्लेयर माल देने के वक्त में कटौती कर रहे हैं। जबकि एक्साइज ड्यूटी घटने के पहले तक ये प्लेयर रात 11 बजे तक ईधन देते रहे हैं।

‘मैं अधिकृत नहीं’ कहकर फोन काटा

मध्य प्रदेश में पेट्रोल-डीजल संकट को लेकर कठघरे में खड़े किये जा रहे रिलायंस ग्रुप (जियो और ब्रिटिश पेट्रोलियम कंपनी) के मध्य प्रदेश के बिजनेस हेड नितिन घोटबड़े से प्रतिक्रिया के लिए ‘सत्य हिन्दी’ ने संपर्क किया। 

उन्होंने दो टूक कहा कि वे मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत नहीं हैं। ‘सत्य हिन्दी’ ने उनसे पूछा प्रतिक्रिया के लिए किससे संपर्क साधें? नितिन ने कहा कि उन्हें मालूम नहीं है। इस संक्षिप्त जवाब के बाद नितिन घोटबड़े ने फोन काट दिया। 

मध्य प्रदेश से और खबरें

मुख्य सचिव ने बुलाई बैठक 

मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बेस ने पेट्रोल और डीजल के जबरदस्त संकट तथा प्राइवेट प्लेयरों पर संकट पैदा करने के आरोपों को लेकर तेल कंपनियों के कर्ताधर्ताओं की बैठक बुलाई है। बैठक में हल निकलने की संभावनाएं सूत्र जतला रहे हैं। 

कमलनाथ ने सरकार को घेरा

प्रदेश में पेट्रोल-डीजल की सप्लाई घटने पर पूर्व सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने शिवराज सरकार को घेरा है। उन्होंने ट्वीट किया, 'प्रदेश की आम जनता को रोज नए संकटों में डालना भाजपा सरकार की आदत बन चुकी है। अब पेट्रोल पंपों पर तेल की आपूर्ति का संकट खड़ा कर दिया गया है। राजधानी भोपाल सहित पूरे प्रदेश में पंप ड्राई होने लगे हैं। जनता पेट्रोल-डीजल की किल्लत से जूझ रही है। आगे हालात और भी भयावह होने का भय है'।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
संजीव श्रीवास्तव
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

मध्य प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें