loader

RTI: एमपी में कोविड टीकाकरण प्रबंधन में बड़ा घोटाला

याद कीजिये जब देश में कोरोना ने पहली दस्तक दी, इसका खौफ कितना भयावह था। इस अबूझ महामारी का चिकित्सा वैज्ञानिकों के पास कोई अचूक इलाज नहीं था। अस्पताल पहुंचने से पहले लोग दम तोड़ रहे थे। हर तरफ अफरातफरी मची थी। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर आने तक वैक्सीन की खोज कर ली गई। भारत सरकार की ओर से मुफ्त में दिया जाने वाला यह टीका नागरिकों को आसानी से सुलभ हो सके इसके लिए सभी जिलों के शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में सरकारी टीकाकरण केन्द्र खोले गये थे। इन केन्द्रों पर मानव संसाधन, लाजिस्टिक प्रबंधन, कोल्डचेन ऐन्ड वैक्सीन डिस्ट्रिब्यूशन, प्रचार प्रसार आदि के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से राज्य के समस्त मुख्य चिकित्सा एवं सवास्थ्य अधिकारी को औसतन दो से तीन करोड़ रुपये का फंड जारी किया गया था। ताकि टीकाकरण केन्द्रों पर तैनात कर्मियों , टीके की पहली डोज लेने वाले पुरुषों एवं महिलाओं को किसी तरह की असुविधा न हो।
आरोप है कि कुछ भ्रष्ट मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों ने जिन पर कोविड टीकाकरण अभियान की‌ पूरी जिम्मेदारी थी नियम कायदे को ताक पर रखकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा जारी फंड का बड़ा हिस्सा अपने अधीनस्थों और चहेते व्यापारियों के साथ मिलकर खुद हजम कर गए। 
ताजा ख़बरें

इस संवाददाता ने 27 अप्रैल 2022 को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला सतना के समक्ष सूचना के अधिकार ( RTI) के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्य प्रदेश द्वारा आवंटित कुल धनराशि और खर्च का बिल वाउचर के साथ व्यौरा मांगा था। अव्वल तो सीएमएचओ सतना ने एक वर्ष तक कोई जवाब नहीं दिया। अपील के पश्चात राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह के 7 अगस्त 2023 के‌ आदेश‌ पश्चात आधा अधूरा जो जवाब दिया गया वह हैरान करने वाला है। जवाब में बताया गया है कि कोविड 19 टीकाकरण अभियान के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मप्र भोपाल से 2 करोड़ 22 लाख 80 हजार 111 रुपये का आवंटन मिला था जिसमें से विभिन्न मदों में 2 करोड़ 21 लाख 15014 रुपये व्यय हुए। स्वास्थ्य मिशन संचालक छवि भारद्वाज के 10 जून 21 के पत्र के अनुसार सभी सीएमएचओ को अधिकार दिये गये थे कि वह आवंटित बजट में से अपने जिले के ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी (BMO) को टीकाकरण के आयोजित सत्रों के अनुसार बजट आवंटित करें। 

सतना के तत्कालीन सीएमएचओ अशोक अवधिया ने बजट का एक तिहाई हिस्सा अपने पास रखा। सतना जिले में आठ ब्लॉक है। इन सभी के बीएमओ बजट का रोना रोते रह गये पर किसी को साढ़े तीन लाख तो किसी को पांच लाख का आवंटन प्राप्त हुआ। मिशन से प्राप्त कुल राशि 2 करोड़ 22 लाख 60 हजार 111 रुपयों में ब्लाकों को महज 43 लाख लाख रुपये आवंटित किये गये। जबकि इन 8 ब्लाकों में एक ब्लाक मैहर भी था जो अब जिला बन चुका है। सीएमएचओ सतना इस सवाल का जवाब नहीं दे पाये कि ब्लाकों में कोविड टीकाकरण के कुल कितने सत्र आयोजित हुए? उन्होंने सतना शहरी क्षेत्र में आयोजित सत्रों की सूची दी मगर ग्रामीण क्षेत्रों में आयोजित सत्रों का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराया। गौर करने वाली बात यह कि शहर से आठ गुना अधिक आबादी ग्रामीण इलाकों की‌ है। जाहिर है सर्वाधिक टीकाकरण भी‌‌ यहीं हुआ।
आरटीआई के मुताबिक बजट का एक तिहाई हिस्सा यानी 1 करोड़ 78 लाख रुपये सतना शहरी क्षेत्र के लिए अपने पास रखकर  डा. अवधिया ने जिला स्वास्थ्य एवं महामारी नियंत्रण अधिकारी डा .चरण सिंह, जिला कार्यक्रम प्रबंधक एनएचएम निर्मला पांडे एवं जिला लेखा प्रबंधक सुभाष चंदेल के साथ मिलकर कोरोना काल के फंड की बर्बादी की। मसलन भीड़ नियंत्रण के लिए मानव संसाधन जुटाने पर  70 लाख 37 हजार 709 रुपये व्यय होना दिखाया गया है जबकि बिल वाउचर सिर्फ 45 लाख 75 हजार के ही लगे हैं। इतना ही नहीं मानव संसाधन प्रदान करने के लिए सीएमएचओ ने जिन तीन फर्मों से कोटेशन आमंत्रित किये उनमें से दो फर्मों का पता तक दर्ज नहीं है। तीसरी फर्म खगोल लोको लेबर को- आपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड का पता पटना लिखा है। 
इसी तरह टीकाकरण स्थल पर कुर्सी, टेंट, पानी, ग्लास आदि की व्यवस्था के लिए लाखों रुपए के आदेश उन स्थानीय फर्मों को दे दिए गए जो जीएसटी दफ्तर में पंजीकृत तक नहीं हैं। साक्षी एंटरप्राइजेज नामक फर्म के बिल में जीएसटी की जगह टिन नम्बर दर्ज है। वर्षों से वाणिज्यिक कर की प्रैक्टिस कर रहे वरिष्ठ कर सलाहकार एम के मिश्रा कहते हैं जीएसटी आने के बाद 2017 से ही‌ टिन नम्बर बंद है। इसका इस्तेमाल सिर्फ पेट्रोल डीलर ही कर सकते हैं क्योंकि पेट्रोल- डीजल पर जीएसटी लागू नहीं है। उन्होंने कहा अगर किसी सप्लायर ने टिन नम्बर का इस्तेमाल किया है तो वह बिल फर्जी है। इतना ही नहीं एक गैर पंजीकृत फर्म मधुवन मैरिज गार्डन को भी कुर्सी- टेट व्यवस्था के लिए 4 लाख रुपये का भुगतान किया गया। जाहिर है फर्जी भुगतान के लिए ऐसी फर्मों के बिल बटोरे गये। अगर जीएसटी कार्यालय से इन बिलों की जांच कराई जाए तो असलियत सामने आ जायेगी।
टीकाकरण फंड को ठिकाने लगाने के लिए कई और हथकंडे अपनाये गए। मिसाल के तौर पर रामपुर बघेलान ब्लॉक को 5 लाख 25 हजार का आवंटन दिया गया था। लेकिन इससे इतर सीएमएचओ अशोक अवधिया ने रामपुर बघेलान स्थित परिहार फोटो कापी सेंटर से 6 लाख 63 हजार 886 रुपये की फोटो कापी करा ली। फोटो कापी कब और किसके लिए कराई गई कोई नहीं जानता। कार्य आदेश भी नहीं है सिर्फ भुगतान किया गया है। इसी फर्म की सतना स्थित एक अन्य फर्म परिहार एंटरप्राइजेज को नाश्ता पैकेट के नाम पर 9 लाख 20 हजार 278 रुपये का बैंक भुगतान किया गया। कहते हैं इन फर्मों के मालिक अपने सभी संस्थान एक झोले में लेकर चलते हैं। सरकारी सप्लाई में उनकी अच्छी पैठ है।
मध्य प्रदेश से और खबरें
कोविड-19 टीकाकरण अभियान में फर्जीवाड़े का यह कोई पहला मामला नहीं है। इसके पहले बुरहानपुर में ऐसा ही मामला उजागर हो चुका है। गबन के इस मामले में चिकित्सा अधिकारी डा .विक्रम वर्मा सहित 22 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
अरविंद मिश्र
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

मध्य प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें