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अखिलेश और रमाकांत गुंडेचा।

संगीत शिक्षा के लिए प्रसिद्ध धुप्रद संस्थान के गुंडेचा भाइयों पर यौन उत्पीड़न का आरोप 

संगीत सिखाने वाले भोपाल के प्रसिद्ध ध्रुपद संस्थान के दो गुरूओं और सगे भाइयों रमाकांत और अखिलेश गुंडेचा पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है। इन दोनों भाइयों को 2012 में पद्म श्री और 2017 में संगीत नाटक अकादमी अवार्ड मिल चुका है। ध्रुपद संस्थान का काफी नाम है और इसे यूनेस्को की एक समिति द्वारा भी मान्यता मिली है। 

यौन उत्पीड़न का आरोप एक फ़ेसबुक पोस्ट लिखकर लगाया गया है। एम्सटर्डम की रहने वाली योगा टीचर ने यह पोस्ट लिखी है। उन्होंने कहा है कि वह अपनी एक साथी की ओर से यह पोस्ट लिख रही हैं, क्योंकि उनकी साथी ख़ुद की पहचान को उजागर नहीं करना चाहतीं। इस पोस्ट को उनके कई छात्रों तक भी ई-मेल के जरिए भेजा गया है। 

गुंडेचा भाइयों में से रमाकांत की पिछले साल दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। उनके बड़े भाई उमाकांत इन दिनों संस्थान को चलाते हैं। अखिलेश गुंडेचा पखावाज बजाते हैं।

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यौन उत्पीड़न का आरोप लगने की ख़बर पर उमाकांत ने कहा है कि उन्होंने एक इंटरनल कमेटी बना दी है। ध्रुपद संस्थान की ओर से कहा गया है, ‘‘यह कमेटी अखिलेश गुंडेचा पर लगे आरोपों की जांच करेगी और जब तक कमेटी अपनी रिपोर्ट नहीं सौंप देती, अखिलेश ने स्वेच्छा से ध्रुपद संस्थान की सभी गतिविधियों से खुद को अलग कर लिया है।’’ 

संस्थान की ओर से यह भी कहा गया है कि कमेटी बिना किसी पूर्वाग्रह के इस मामले में न्याय करने की कोशिश करेगी। 

धमकियां देकर चुप कराया

इस फ़ेसबुक पोस्ट में कहा गया है कि दोनों भाइयों के उत्पीड़न के शिकार हुए लोगों को धमकियां देकर चुप कराए रखा गया। इसके अलावा उन्हें सालों तक यह कहकर धमकाया गया कि वे हमेशा वह चीज हासिल कर लेते हैं, जो वह चाहते हैं और उन्हें ना सुनने की आदत नहीं है। पोस्ट में यह भी दावा किया गया है कि संगीत के ये जाने-माने गुरू अपने स्टूडेंट्स को ग़लत ढंग से छूते थे। 

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अखिलेश गुंडेचा की एक महिला छात्र ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया कि वह हमेशा उसकी सुंदरता और ख़ुद के अकेले होने को लेकर बात करते थे। महिला ने कहा कि शुरुआत में उसने इन बातों को नज़रअंदाज किया और कहा कि वह यहां पर संगीत सीखने आई है। लेकिन इसके बाद भी उन्होंने उसे मैसेज भेजना जारी रखा। आजिज आकर महिला ने बीच में ही संस्थान को छोड़ दिया। महिला के मुताबिक़ कुछ और स्टूडेंट्स की भी ऐसी ही बात पर अखिलेश के साथ बहस हुई थी। लेकिन अखिलेश का कहना था, ‘आपको जो करना है, कर लें, प्रेस में जाएं, मुझे कुछ नहीं होगा।’ 

अखिलेश के एक और स्टूडेंट ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया कि सभी लोग इस तरह के यौन दुर्व्यवहार के बारे में जानते थे। उन्होंने कहा कि लड़कियां डर जाती थीं और चुप रहती थीं क्योंकि कोई भी अपना करियर ख़त्म नहीं करना चाहता था। 

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क़मर वहीद नक़वी
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