मुगलकालीन दौर के शब्दों को बदलने भर से मध्य प्रदेश पुलिस की सूरत और सीरत क्या बदल जायेगी? यह सवाल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से किया जा रहा है। दरअसल, नाम बदलने की राजनीति के तेज़ दौर के बीच मुगलिया दौर के शब्दों को पुलिसिया प्रचलन से पूरी तरह से हटाने का फैसला मध्य प्रदेश सरकार ने लिया है। फैसले के बाद से इस मुद्दे पर राजनीति तेज है।
शिवराज जी, उर्दू, अरबी व फारसी के शब्दों को हटाने से बदल जाएगी पुलिस?
- मध्य प्रदेश
- |

- |
- 30 Dec, 2021


मध्य प्रदेश में उर्दू, अरबी और फारसी के शब्दों को पुलिसिया भाषावली से बाहर किया जा रहा है, लेकिन क्या इससे पुलिस के कामकाज में कोई बदलाव आएगा?
बता दें, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो दिन पहले कलेक्टर-कमिश्नर्स के संग वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग की थी। चौहान इस तरह की बैठक नियमित लेते हैं। मैदानी अधिकारी बैठक में रहते हैं। बैठक का हिस्सा मैदान में तैनात आईजी-डीआईजी और एसपी भी होते हैं।
कलेक्टर्स-कमिश्नर कॉन्फ़्रेंस में कानून और व्यवस्था के साथ तमाम विषयों की खुली समीक्षा होती है। अच्छा काम करने वाले अफसरों की पीठ थपथापने के साथ काम के हिसाब से उम्मीदों पर खरे नहीं उतरने वाले अफसरों को सार्वजनिक तौर पर फटकार भी पड़ती है।



























